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हिमाचल प्रदेश के CM वीरभद्र सिंह की गिरफ्तारी पर रोक

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को गिरफ्तार करने से रोक दिया लेकिन मामले की जांच जारी रखने...

हिमाचल प्रदेश के CM वीरभद्र सिंह की गिरफ्तारी पर रोक
एजेंसीThu, 01 Oct 2015 06:29 PM
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हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को गिरफ्तार करने से रोक दिया लेकिन मामले की जांच जारी रखने की इजाजत दे दी।

पिछले सप्ताह सीबीआई की ओर से अपने पर दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ वीरभद्र सिंह की याचिका विचारार्थ स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर की पीठ ने सीबीआई को इस दंपति से पूछताछ से पहले अदालत को सूचित करने का भी निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर मुकर्रर की। अदालत ने कहा कि मामले में जांच जारी रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कल अदालत में दायर अपनी याचिका में कहा था कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने बदले की भावना और दुर्भावना से प्रेरित होकर उनके निजी आवास होली लॉज और अन्य जगहों पर छापा मारे। वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल इस मामले में मुख्यमंत्री की ओर से पेश हुये।

सिंह ने याचिका में आरोप लगाया है कि सीबीआई ने मामले में अपने अधिकार क्षेत्र को नजरंदाज किया और सवाल किया कि किस तरह सीबीआई उनके परिसरों पर छापे मार सकती है जब मामला पहले से ही दिल्ली उच्च न्यायालय और आयकर न्यायाधिकरण तथा अन्य आयकर प्राधिकार में भी लंबित है, जहां उन्होंने अपने आयकर रिटर्न संबंधी सभी दस्तावेज जमा किये है।

सीबीआई की पूरी जांच प्रक्रिया और अपने तथा पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने की मांग करते हुए सिंह ने दलील दी कि वर्तमान मुख्यमंत्री के निवास पर छापे से पहले राज्य सरकार और गह विभाग की अनुमति नहीं ली गयी।

वीरभद्र ने अदालत से अपने तथा अपनी पत्नी के खिलाफ सीबीआई द्वारा 23 सितंबर को नयी दिल्ली में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13 (दो: और 13 (एक) (ई) तथा आईपीसी की धारा 109 के तहत दर्ज प्राथमिकी खारिज करने और इस मामले की प्राथमिक जांच और एफआईआर के रिकार्ड तलब करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

याचिका में कहा गया है कि सीबीआई ने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर दिल्ली विशेष स्थापना अधिनियम की धारा छह के तहत पूर्व अनुमति के बिना राज्य सरकार की सहमति के राज्य में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित उच्च संवैधानिक ओहदेदार के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत कथित अपराध की जांच की।

उन्होंने कहा है कि किसी भी अदालत का ना तो कोई फैसला है ना कोई निर्देश है या ना कोई आदेश है जिससे कि सीबीआई को हिमाचल प्रदेश क्षेत्र में नियमित मामले दर्ज करने या जांच का अधिकार हो। उन्होंने दावा किया कि यहां तक कि दिल्ली क्षेत्र में भी यह नहीं हो सकता।

सुनवाई पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री ने अदालत के बाहर कहा कि मामला राजनीति से प्रेरित है। वह अदालत में उपस्थित नहीं थे।

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