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मेरा एकमात्र उद्देश्य पटेल समुदाय के लिए आरक्षणः हार्दिक पटेल

गुजरात में पटेल समुदाय की आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हार्दिक पटेल ने इस मुद्दे पर बातचीत की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य पटेल समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग...

मेरा एकमात्र उद्देश्य पटेल समुदाय के लिए आरक्षणः हार्दिक पटेल
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 28 Aug 2015 07:10 PM
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गुजरात में पटेल समुदाय की आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हार्दिक पटेल ने इस मुद्दे पर बातचीत की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य पटेल समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल कराना है, ना कि आरक्षण प्रणाली को समाप्त कराना।

बीकॉम तक पढ़ाई कर चुके 22 साल के हार्दिक ने यह भी कहा कि जब तक उन्हें सफलता नहीं मिलती आंदोलन को और बढ़ाया जाएगा। पटेल ने कहा कि हमारा एकमात्र उद्देश्य ओबीसी श्रेणी में पटेल समुदाय को शामिल कराना है। हम तब तक नहीं मानेंगे, जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती।

जब हार्दिक से पूछा गया कि अगर पटेलों को ओबीसी श्रेणी में शामिल नहीं किया जाता तो क्या आरक्षण व्यवस्था पूरी तरह समाप्त कर देनी चाहिए तो उन्होंने कहा कि हम यह नहीं चाहते कि आरक्षण व्यवस्था समाप्त हो जाए, जैसी कि बात हो रही है। हम केवल पटेलों के लिए ओबीसी आरक्षण चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि मैं गुर्जर आंदोलन के नेताओं से मिलने दिल्ली जा रहा हूं और गुजरात में अपने आंदोलन को तेज करने के लिए उनकी मदद मांगूंगा। क्या वह आरक्षण आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाहते हैं, इस सवाल पर हार्दिक ने कहा कि इस बारे में कोई बयान देना जल्दबाजी होगी। हालांकि समय बताएगा। देखते हैं।

गुजरात में पटेल या पाटीदार समुदाय मूलरूप से कृषक वर्ग है, जिनका राज्य में प्रभुत्व है और पिछले 25 साल से इन्हें राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थक माना जाता है।

हार्दिक ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती तो अगले विधानसभा चुनाव में राज्य में कमल नहीं खिलेगा। बहुत कम समय में पटेल समुदाय के लोकप्रिय चेहरे के तौर पर उभरे हार्दिक ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया कि क्या वह राजनीति में आएंगे।

उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है और अभी उनका पूरा ध्यान पटेल समुदाय को आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन पर है। हार्दिक ने आरक्षण की मांग को लेकर यहां बड़ी रैली आयोजित की थी जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया और राज्य में हिंसा भड़क गयी। इस हिंसा में 10 लोग मारे गए और करोड़ों रुपये की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ। हालात को काबू में करने के लिए सेना बुलानी पड़ी।

हार्दिक ने कहा कि इस समय बातचीत का कोई मतलब नहीं है। राज्य में बने हालात के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार जिम्मेदार हैं। जब हार्दिक से राज्य में उनके आंदोलन से जातियों के बीच विभाजन की स्थिति बनने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम ओबीसी या अन्य किसी जाति के खिलाफ नहीं हैं। हम केवल ओबीसी श्रेणी में शामिल किए जाने का हमारा अधिकार चाहते हैं।

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