चीन की चुनौती से निपटेगी माउंटेन स्ट्राइक कोर
चीन के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए भारत की बहुप्रतीक्षित माउंटेन स्ट्राइक कोर 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगी। पहली बार रक्षा मंत्रालय ने इस मुद्दे पर आधिकारिक तौर पर कहा है कि इसके गठन के लिए जरूरी...
चीन के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए भारत की बहुप्रतीक्षित माउंटेन स्ट्राइक कोर 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगी। पहली बार रक्षा मंत्रालय ने इस मुद्दे पर आधिकारिक तौर पर कहा है कि इसके गठन के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। जल्द ही गठन का कार्य शुरू होगा।
रक्षा मंत्रालय की योजना के अनुसार 80 हजार जवानों की यह विशेष फोर्स चीनी सीमा वाले ऊंचे इलाकों में रहकर लड़ने में पारंगत होगी तथा वायु शक्ति कमान से भी लैस होगी। रक्षा सूत्रों के अनुसार, चीन भी अपनी तरफ ऐसी फोर्स खड़ी कर रही है। उसका काम हमसे काफी आगे बढ़ चुका है।
समिति ने इस मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों से ताजा स्थिति जाननी चाहिए थी। समिति को अधिकारियों ने बताया कि योजना पर काम पहले शुरू हो चुका था। विभिन्न औपचारिकताओं को पूरा करना था, जो अब हो चुकी हैं। इस बार के रक्षा बजट में माउंटेन स्ट्राइक कोर के लिए अलग से बजट नहीं दिया गया है, लेकिन मंत्रालय ने कहा कि रक्षा बजट से ही इसका कार्य शुरू किया जाएगा। आमतौर पर रक्षा बजट में योजना के लिए अलग-अलग बजट नहीं रखा जाता, इसलिए बजट कोर्स समस्या नहीं है। हालांकि, समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि इस कोर के गठन के लिए अलग से बजट का प्रावधान होना चाहिए, जिससे इसे बनाने का काम नहीं रुके।
ऊंचे इलाकों में लड़ने की ट्रेनिंग
कोर के जवानों को ऊंचे इलाकों में रहकर लड़ने की ट्रेंनिग दी जाएगी। कुछ हद तक इस किस्म की ट्रेनिंग आईटीबीपी के जवानों को भी दी जाती है। सेना में माउंटेन कोर के जवानों को भी ऐसी ट्रेनिंग दी जाती है, लेकिन उनकी संख्या सीमित है।
हवाई ताकत भी होगी
यह फोर्स जरूरत पड़ने पर कुछ ही समय में चीनी सेना को मुहतोड़ जवाब दे सकेगी। यह मिसाइल से लेकर सभी किस्म के अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगी। जवानों को पैराशूट से उतरने में भी दक्ष बनाया जाएगा। यानी वे जमीनी एवं हवाई युद्ध लड़ने में सक्षम होंगे। कोर के पास फाइटर एवं ट्रांसपोर्ट दोनों किस्म के विमान होंगे। कोर को प्रशिक्षित करने के लिए गुलमर्ग स्थित सेना के हाई ऑल्टीट्यूड वेलफेयर स्कूल (एचएडब्ल्यूएस) को ट्रेनिंग सेंटर बनाया जाएगा। कुछ और सेंटरों की स्थापना पर भी विचार चल रहा है।