फोटो गैलरी

Hindi Newsउत्तर प्रदेश में अब आजम की चिट्ठी बनी कौतूहल का विषय

उत्तर प्रदेश में अब आजम की चिट्ठी बनी कौतूहल का विषय

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता एवं कैबिनेट मंत्री आजम खां का विवादों से पुराना रिश्ता है। वह अब पूर्व में दिए गए अपने उपहारों को लेकर सुर्खियों में हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)...

उत्तर प्रदेश में अब आजम की चिट्ठी बनी कौतूहल का विषय
एजेंसीFri, 17 Apr 2015 03:08 PM
ऐप पर पढ़ें

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता एवं कैबिनेट मंत्री आजम खां का विवादों से पुराना रिश्ता है। वह अब पूर्व में दिए गए अपने उपहारों को लेकर सुर्खियों में हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी को लिखी उनकी एक चिट्ठी इस वक्त कौतूहल का विषय बनी हुई है।

बाजपेयी को आजम की ओर से लिखा गया यह पत्र शुक्रवार को सार्वजनिक हुआ। इसमें उन्होंने वाजपेयी से पूर्व में दिए गए सारे उपहारों की एक सूची मांगी है। उल्लेखनीय है कि आजम ने बीते बजट सत्र में सभी विधायकों को तोहफे में एक ब्रीफकेस और एक पत्र भेजा था। इसे प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने पत्र लिखकर वापस कर दिया। इससे खफा आजम ने पत्र लिखकर पूर्व में दिए सारे उपहार भी वापस मांगे हैं।

आजम ने वाजपेयी को पत्र में लिखा, ''आपका पत्र मिला। मैं पहले भी स्नेह के साथ तोहफे देता रहा हूं, जिसे आप द्वारा स्वीकार किया गया। लेकिन, इस बार आपने तोहफा वापस कर दिया। इसका मतलब है कि पूर्व में भी मेरे द्वारा भेजे गए उपहार आपको स्वीकार्य नहीं रहे होंगे, लेकिन किसी वजह से आपने रख लिए।'' उन्होंने लिखा, ''अगर आपको यह उपहार वापस ही करना है, तो पूर्व में लिए गए उपहारों की भी एक सूची बनाकर मेरे कार्यालय भेज दें।''

इस मामले में बाजपेयी ने अपना पक्ष रखते कहा कि अभी तक आजम की ओर से उन्हें ब्रीफकेस के रूप में यही एक उपहार मिला था। इससे पहले कभी कोई तोहफा नहीं मिला। ऐसे में किन उपहारों की सूची बनाकर भेजूं? जो तोहफा मिला भी था, उसे वापस कर दिया है।

उनके अनुसार, आजम को चिट्ठी लिखकर उपहार वापस कर दिया, जोकि 10 अप्रैल को उनके कार्यालय में रिसीव किया गया है। उपहार लेने और देने का समय और अवसर होता है, बिना अवसर के उपहार कैसा?

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें