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HT सर्वे में बोले युवा, देश को अब सिर्फ सुपरमैन ही बचाएगा!

भारत को लेकर मन में मातृभूमि जैसी भावना नहीं भारत की कुल जनसंख्या यानि 1.2 बिलियन अबादी का आधा हिस्सा 26 साल से कम उम्र का है। जो कि कई यूरोपीय देश की कुल जनसंख्या से काफी अधिक है।

लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 22 Dec 2016 01:17 PM

भारत को लेकर मन में मातृभूमि जैसी भावना नहीं

भारत की कुल जनसंख्या यानि 1.2 बिलियन अबादी का आधा हिस्सा 26 साल से कम उम्र का है। जो कि कई यूरोपीय देश की कुल जनसंख्या से काफी अधिक है। देश का ये बड़ा हिस्सा देश को लेकर क्या सोचता है इसे लेकर हिन्दुस्तान टाइम्स और मार्स ने एक सर्वे किया है।

इस एचटी के मार्स यूथ सर्वे 2016 में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस सर्वे के मुताबिक देश के आधे युवक और युवतियों का मानना है कि भारत को लेकर उनके मन में मातृभूमि जैसी भावना नहीं है वे किसी और देश में यहां से ज्यादा खुश रहेंगे।  

तीन चौथाई युवाओं की मानना है कि उन्हें इस देश में रहना अन्य देशों से बेहतर लगता है। वे लैंगिक असमानता, कम रोजगार के अवसर, शिक्षा के अवसर, और स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं। वहीं देश के युवा समलैंगिकता को लेकर भी काफी सहज है। वह इसे प्राकृतिक मानते है। और उन्हें समलैंगिक के साथ दोस्ती करने में किसी भी तरह की परेशानी होगी।

आगे पढ़ें सुपरमैन ही भारत को बचा सकता है-

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देश के युवाओं का मानना है कि सच्चे प्यार की अवधारणा में भी बदलाव आया है। हर पांचवे युवा का मानना है कि उनके संबंधों में दूरी आई है। जबकि आधे का मानना है कि ऐसा नहीं है। वहीं देश के युवा भविष्य को लेकर ज्यादा आशावादी नहीं है। देश के 62 फीसदी युवा और 66 फीसदी महिलाओं की मानना है कि देश में जल्दी ही कुछ अच्छा होने की आशा नहीं रखते हैं।

जबकि देश के आधे युवाओं का विश्वास है कि भारत में चीजों को ठीक करने के लिए सुपरमैन की जरुरत है। फिर भी, 41% पुरुष और 39% महिलाओं को लगता है कि वे चीजों को ठीक कर सकते हैं, अगर वे पांच साल के लिए प्रधानमंत्री बना दिए जाएं। कई लोगों का मानना है कि उनके अंदर एक सुपरमैन है।

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युवा स्टार्टअप को लेकर बहुत आशावादी और उत्साहित नहीं

स्टार्टअप से भविष्य में क्रांतिकारी बदलावों को लेकर भारतीय युवा बहुत ज्यादा आशावादी और उत्साहित नहीं हैं। स्टार्टअप में भारी उतार-चढ़ाव, कम नौकरियां और हर वक्त छंटनी के खतरे को लेकर युवा आशंकित हैं। 

हिन्दुस्तान टाइम्स और मार्स के सर्वेक्षण में युवाओं का यह रुख सामने आया है। सर्वेक्षण के तहत 15 राज्यों और बड़े शहरों में युवाओं से राय ली गई। इसमें 18 से 21 और 22 से 25 साल उम्र के युवाओं का रुख जाना गया। तीन से 20 नवंबर के बीच इस सर्वे में 5200 लोगों से राय ली गई।

21 % युवाओं का मानना है कि स्टार्टअप एक गुब्बारा है जो कभी भी फूट सकता है। वहीं 20 फीसदी युवाओं का ही मानना है कि स्टार्टअप क्रांति देश को असीमित ऊंचाई पर ले जाएगी। 

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