फोटो गैलरी

Hindi Newsपीएम मोदी के 5 दांव जिन्होंने पाकिस्तान को किया चारों खाने चित्त

पीएम मोदी के 5 दांव जिन्होंने पाकिस्तान को किया चारों खाने चित्त

पाकिस्तान को ऐसे सिखाया सबक भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक पहल के बाद अब पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अकेला पड़ता जा रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को कश्मीर में भ

लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 29 Sep 2016 12:13 PM

पाकिस्तान को ऐसे सिखाया सबक

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक पहल के बाद अब पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अकेला पड़ता जा रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को कश्मीर में भारतीय सेना के हाथों मारे गए आतंकी संगठन हिजबुल के कमांडर बुरहान वानी को यूनाइटेड नेशंस में शहीद बताने का खामियाजा सार्क सम्मलेन रद्द करके चुकाना पड़ा है। एक तरफ अमेरिका ने उसे हद में रहने की सलाह दी है तो वहीं कश्मीर मुद्दे पर चीन ने भी किसी तरह के हस्तक्षेप करने से साफ़ इनकार कर दिया है। नौबत ये आ गई है कि पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ भारत को परमाणु हमले की धमकियां देने पर उतर आए हैं। बहरहाल पाकिस्तान फिलहाल बैकफुट पर है और भारत के सपोर्ट में अफगानिस्तान, भूटान और नेपाल जैसे पड़ोसी देश भी खड़े नज़र आ रहे हैं। 

आज हम आपको भारत के उन पांच कड़े क़दमों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फजीहत झेलनी पड़ रही है..

1. सार्क सम्मलेन रद्द हुआ, पाक पड़ा अकेला:

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सार्क सम्मलेन में हिस्सा लेने से इनकार करने के बाद अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल ने भी इस सम्मलेन में हिस्सा लेने से मना कर दिया। इस साल सार्क बैठक के अध्यक्ष नेपाल ने बताया कि उसने ये फैसला भारत के फैसले के बाद लिया है। भारत के सार्क में नहीं जाने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बेहद कड़ा सन्देश दिया है। 1985 के बाद ये पहला मौका होगा जब भारत ने सार्क सम्मेलन का बायकॉट करने का फैसला लिया है। भारत के अलावा सार्क के अन्य तीन सदस्य देशों ने भी पाकिस्तान पर आंतक को पनाह देने का आरोप लगाते हुए सम्मेलन का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

हालांकि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारत के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है और भारत पर इल्जाम लगाया है कि वो दक्षिण एशिया में भाईचारा होने देना नहीं चाहता। आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को अलग-थलग कर देने की रणनीति में भारत को दक्षिण एशिया में एक बड़ी कामयाबी मिली है। भूटान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के भी सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने से इनकार कर देने से पाकिस्तान अकेला पड़ गया है। सिर्फ भारत ही नहीं अफगानिस्तान भी ये आरोप लगता रहा है कि पाकिस्तानी सेना उसके इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठनों की मदद करती है। 

पीएम मोदी के 5 दांव जिन्होंने पाकिस्तान को किया चारों खाने चित्त1 / 5

पीएम मोदी के 5 दांव जिन्होंने पाकिस्तान को किया चारों खाने चित्त

2. सुषमा का UN में दिया बयान:

यूएन में नवाज़ शरीफ के आतंकी संगठन हिजबुल के कमांडर बुरहान वानी को शहीद बताने और कश्मीर मुद्दा उठाए जाने के बाद भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को यूएन के मंच से ही मुंहतोड़ जवाब दिया। यूएन में पाकिस्तान को चेताते हुए सुषमा स्वराज ने कहा, ”कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा। पाकिस्तान इसको लेकर ख्वाब पालना छोड़ दे। अगर पाकिस्तान ये समझता है कि वह इस तरह की हरकत करके या भड़काऊ बयान देकर भारत का कोई हिस्सा हमसे छीन सकता है तो मैं पूरी दृढ़ता और स्पष्टता से कहना चाहती हूं कि आपका ये मंसूबा कभी पूरा नहीं होगा।”

सुषमा स्वराज ने कहा, ”पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके साथ मानवाधिकार का हनन हो रहा है। अगर किसी को मानवाधिकार हनन देखना है तो बलूचिस्तान को देखे। ऐसी बाते कहने से पहले पाकिस्तान एक बार बगल में झांककर देखे क्या हो रहा है। वे खुद बलूचिस्तान में क्या कह रहे हैं। बलूचिस्तान में जो हो रहा है वह यातनाओं की पराकाष्ठा है। जिनके घर खुद शीशे के होते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते। हमने शर्तों के साथ नहीं मित्रता के साथ पाकिस्तान की तरफ हाथ बढ़ाया है। कभी ईद की शुभकामनाएं, कभी क्रिकेट की शुभकामनाएं, कभी स्वास्थ्य का हाल चाल पूछा। हमने दो साल में मित्रता का जो पैमाना तय किया जो पहले कभी नहीं था। लेकिन हमें इसके बदले क्या मिला। पठानकोट, उरी बहादुर अली। हम शर्तें लगा रहे हैं या आप दूसरी नीयत दिखा रहे हैं?” सुषमा के इस बयान के बाद पाकिस्तान को एक बार फिर नीचा देखना पड़ा।

पीएम मोदी के 5 दांव जिन्होंने पाकिस्तान को किया चारों खाने चित्त2 / 5

पीएम मोदी के 5 दांव जिन्होंने पाकिस्तान को किया चारों खाने चित्त

3. MFN दर्जा छीनने की तैयारी:

आज ही वो बैठक होने जा रही है जिसमें इस बात पर फैसला लिया जाना है कि पाकिस्तान को दिए गए MFN (मोस्ट फेवर्ड नेशन) दर्जे की समीक्षा की जानी है। बता दें कि डब्ल्यूटीओ बनने के साल भर बाद भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था हालांकि पाकिस्तान की ओर से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया था। दरअसल एमएफएन का मतलब है मोस्ट फेवर्ड नेशन, यानी सर्वाधिक तरजीही देश। विश्‍व व्‍यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में सर्वाधिक तरजीह वाला देश (एमएफएन) का दर्जा दिया जाता है। एमएफएन का दर्जा मिल जाने पर दर्जाप्राप्त देश को इस बात का आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।

गौर करें कि एमएफएन का दर्जा कारोबार में दिया जाता है। इसके तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है। यह दर्जाप्राप्त देश कारोबार सबसे कम आयात शुल्क पर होता है। डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश खुले व्यापार और बाज़ार से बंधे हैं मगर एमएफएन के क़ायदों के तहत देशों को विशेष छूट दी जाती है। सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंद फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज़ और वस्तुओं का कारोबार दोनों देशों के बीच होता है। भारत और पाकिस्तान के बीच 2012 के आंकड़े के मुताबिक़ करीब 2।60 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है।

पीएम मोदी के 5 दांव जिन्होंने पाकिस्तान को किया चारों खाने चित्त3 / 5

पीएम मोदी के 5 दांव जिन्होंने पाकिस्तान को किया चारों खाने चित्त

4. सिंधु जल संधि पर भी घबराया पाकिस्तान: 

भारत ने इशारों-इशारों में ही आधिकारिक तौर पर भारत-पाक सिंधु नदी जल समझौते को रिव्यू करने की बात कहकर पाकिस्तान को सकते में डाल दिया है। इस समझौते को 56 साल हो गए हैं और कश्मीर एसेंब्ली ने रिव्यू करने के लिए प्रस्ताव भी पास किया था। हालांकि ये इतना आसन नहीं है क्योंकि ये फैसला चार-पांच बड़ी-बड़ी नदियों की धारा को मोड़ने जैसा होगा और फिलहाल हमारे पास इसके लिए कोई स्टोरेज या डायवर्ज़न स्ट्रक्चर नहीं है।

भारत के इस क़दम से पाकिस्तान के किसानों, नदियों, पर्यावरण और लोगों का काफी नुक़सान होगा। बता दें कि सिंधु और सतलज नदियां चीन से निकलकर भारत होते हुए, पाकिस्तान जाती हैं। इसके अलावा एक और बड़ी नदी ब्रह्मपुत्र भी तिब्बत से निकलती है। ब्रहम्पुत्र की और भी बहुत सारी शाखाएं तिब्बत होते हुए भारत आती हैं। अगर भारत को हुए पुराने नुक़सान पर ध्यान दें तो जून 2000 में चीन से होकर आने वाली शियांग नदी में आई बाढ़ से अरूणाचल प्रदेश में बहुत नुकसान पहुंचा था। 

पीएम मोदी के 5 दांव जिन्होंने पाकिस्तान को किया चारों खाने चित्त4 / 5

पीएम मोदी के 5 दांव जिन्होंने पाकिस्तान को किया चारों खाने चित्त

5. पीएम मोदी की बलूचिस्तान नीति:


भारत पहले अपनी विदेश नीति के तहत पाकिस्तान के अशांत इलाकों के बारे में अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक मंचों से किसी भी तरह का बयान नहीं देता था। हालांकि पीएम मोदी ने पाकिस्तान के कश्मीर राग का तोड़ बलूचिस्तान के रूप में निकाल लिया है। पाकिस्तान अक्सर भारतीय सेना पर कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगता रहा है लेकिन इस बार मोदी ने भारतीय स्वतंत्रता दिवस के भाषण में ही बलूचिस्तान का ज़िक्र कर पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया। इसके बाद बलूच नेता ब्रह्म्दाग बुगती और कई देशों में मोदी के समर्थन में बलूच लोगों के प्रदर्शनों ने पाकिस्तानी सेना के बलूचिस्तान में की गई कार्रवाइयों को शक के घेरे में ला दिया। जानकारों के मुताबिक उरी हमला भी पाकिस्तान ने बलूचिस्तान का बदला चुकाने के लिए करवाया हो सकता है। 
 

पीएम मोदी के 5 दांव जिन्होंने पाकिस्तान को किया चारों खाने चित्त5 / 5

पीएम मोदी के 5 दांव जिन्होंने पाकिस्तान को किया चारों खाने चित्त