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खुलासा: उत्तराखंड त्रासदी के बीच अफसर उड़ा रहे थे मौज

उत्तराखंड में दो साल पहले आई भीषण आपदा के दौरान राहत के नाम पर सरकारी मशीनरी ने घोटाला कर डाला। जब हजारों लोग मौत और मुसीबत से घिरे थे, तब अफसर आलीशान होटलों में रहकर मटन-चिकन और मिठाइयों के मोटे बिल...

खुलासा: उत्तराखंड त्रासदी के बीच अफसर उड़ा रहे थे मौज
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 30 May 2015 02:55 PM
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उत्तराखंड में दो साल पहले आई भीषण आपदा के दौरान राहत के नाम पर सरकारी मशीनरी ने घोटाला कर डाला। जब हजारों लोग मौत और मुसीबत से घिरे थे, तब अफसर आलीशान होटलों में रहकर मटन-चिकन और मिठाइयों के मोटे बिल बनवा रहे थे।

घपलेबाजों के कारनामे देखिए, स्कूटर में डीजल भरने का बिल लगवा दिया और बाइक पर माल ढोना दिखा दिया। राज्य के अलग-अलग जिलों से आरटीआई में मिली सूचना से इस घपले का खुलासा हुआ। सूचना आयोग ने सीबीआई जांच की सलाह देते हुए मामला मुख्यमंत्री दफ्तर को भेजने का आदेश दिया है।

अधिकारियों-कर्मचारियों के रहने पर 25 लाख खर्च

हैरानी की बात है कि आपदा के दौरान रुद्रप्रयाग में पीड़ित खुले आसमान के नीचे भूखे मर रहे थे तो मदद के लिए अधिकारी-कर्मचारी होटलों में मौज कर रहे थे। इनके होटलों में रहने-खाने पर ही 25 लाख 19 हजार रुपये का खर्चा दर्शाया गया है। इसमें एक व्यक्ति का नाश्ता 250 रुपये, लंच 300 रुपये और डिनर 350 रुपये यानी एक दिन की डाइट 900 रुपये प्रति व्यक्ति आई है। जबकि एक व्यक्ति के एक दिन तक होटल में ठहरने का किराया 6750 रुपये दर्शाया गया, जो किसी फाइव स्टार होटल के किराये जितना है। आयोग का कहना है कि आपदा में वहां कोई होटल तक सलामत नहीं बचा था, तो फिर ऐसे में वहां किस होटल में इतना महंगा कमरा मिला।

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