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Hindi Newsअमेरिका ने PAK को फिर लगाई डांट, भारत के हमले को बताया 'सही कदम'

अमेरिका ने PAK को फिर लगाई डांट, भारत के हमले को बताया 'सही कदम'

अमेरिका भारत की 'सर्जिकल स्ट्राइक' से नाराज़ नहीं.. अमेरिका ने एक बार फिर अपने रुख पर कायम रहते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद ख़त्म करने की दिशा में ज़रूरी कदम उठाने की सलाह दे डाली है। अमेरि

लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 30 Sep 2016 12:23 PM

अमेरिका भारत की 'सर्जिकल स्ट्राइक' से नाराज़ नहीं..

अमेरिका ने एक बार फिर अपने रुख पर कायम रहते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद ख़त्म करने की दिशा में ज़रूरी कदम उठाने की सलाह दे डाली है। अमेरिका ने स्पष्ट कहा है कि जैसा हमला उरी में किया गया था उसके बाद भारत की तरफ से की गई सर्जिकल स्ट्राइक को गलत नहीं ठहराया जा सकता। अमेरिका ने ये भी इशारा किया है कि उसे इस हमले की पहले से जानकारी थी और POK में भारतीय सेना की कार्रवाई काफी सावधानी पूर्वक उठाया गया एक ज़रूरी कदम था।


'पाकिस्तान को भारत नहीं आतंकवाद से लड़ना चाहिए' 

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए साफ़ कहा कि उरी स्थित भारतीय सेना के कैंप जैसा आतंकवादी हमला हुआ उससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ना तय था। किर्बी ने इसी के साथ पाकिस्तान से मांग की है कि वो संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ-साथ उनकी वैधता खत्म करे। उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से इस तरह का हमला भय पैदा करने वाला है।

किर्बी ने ये भी सपष्ट कर दिया कि भारत की तरफ से की गई ये कार्रवाई अनुचित नहीं मानी जा सकती। उन्होंने ये भी बताया की भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से उनकी बातचीत हुई थी लेकिन वो सिर्फ उरी हमले से ही सम्बंधित थी। उन्होंने कहा, मैं आपको इसकी पुष्टि कर सकता हूं कि इस हफ्ते 27 सितंबर को अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा से बातचीत की थी और 18 सितंबर के उरी हमले की फिर से कड़ी निंदा की थी। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि दोनों देशों को संयम बरतते हुए संवाद की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। किर्बी ने बताया, हमने इस क्षेत्र में आतंकवाद से हो रहे खतरे के बारे में बार-बार चिंता जाहिर की है और हम सभी जानते हैं कि आतंकवाद की कोई सीमा रेखा नहीं होती है।


अमेरिका को पता था कि भारत करेगा हमला 
पीओके में सर्जिकल ऑपरेशन के बाद अमेरिका में व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉश अर्नेस्ट ने बताया, 'वॉशिंगटन को सर्जिकल ऑपरेशन के बाद दिनभर के अपडेट की जानकारी थी, लेकिन हम चाहते हैं कि भारत के इस एक्शन के बाद दोनों पक्षों की सेना में बातचीत हो।' उन्होंने कहा कि दोनों तरफ से तनाव दूर करने के लिए पहल जरूरी है। इकोनॉमिक टाइम्स' की खबर के मुताबिक, सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में अमेरिका को पहले से जानकारी थी। गुरुवार को डीजीएमओ की प्रेस कॉन्फ्रेंस के काफी पहले अमेरिकी एनएसए सुजैन राइस ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भारत के एनएसए अजीत डोभाल को फोन किया था। डोभाल ने उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी जानकारी दी थी। 

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अमेरिकी थिंक टैंक ने सर्जिकल स्ट्राइक को बताया 'कैलकुलेटेड रिस्क'

अमेरिका के एक शीर्ष थिंक-टैंक ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत में घुसने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों पर पाक के कब्जे वाले कश्मीर में जो हमला किया है, वो एक सोचा-समझा कैलकुलेटड रिस्क था। उन्होंने कहा कि तनाव बढ़ने के लिए पूरी तरह पाकिस्तान जिम्मेदार है। अमेरिका के शीर्ष थिंक-टैंक कार्नेगी एनडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के एश्ले टेलिस ने कहा, भारत की यह प्रतिक्रिया आनी ही थी। यह पाकिस्तान के लिए एक संकेत है और भारत के लोगों के लिए एक आश्वासन है। मोदी उरी हमले को लेकर पैदा हुए गुस्से को अनुत्तरित नहीं रहने दे सकते।

टेलिस ने कहा, भारत का कदम सावधानीपूर्वक आकलन के साथ उठाया गया। आतंकी लॉन्च पैड पर हमला करने का उददेश्य यह संदेश देना था कि भारत ने जवाबी कार्रवाई की अपनी आजादी खोई नहीं है लेकिन तनाव को और अधिक बढ़ाने की जिम्मेदारी अब पाकिस्तान पर है। एक सवाल के जवाब में टेलिस ने कहा कि अमेरिका संयम की वकालत करेगा लेकिन जब तक प्रशासन पाकिस्तान के खिलाफ सख्ती का इरादा नहीं रखता है, जो कि असंभाव्य है, तब तक भारत अपने खुद के हितों के अनुरूप चलेगा न कि अमेरिकियों के सहनशीलता के अनुरोधों के अनुरूप। टेलिस ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान अभी उलझा हुआ है और वह भारतीय कार्रवाई का जवाब सैन्य कार्रवाई से नहीं दे सकता लेकिन भारत के खिलाफ अभी तक जिस तरह का युद्ध वह करता आ रहा है, वह बड़े स्तर पर जारी रहेगा।

सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के रिक रोसो ने कहा कि पिछले साल जब भारतीय सेना ने म्यांमार में आतंकियों के खिलाफ हमला किया था, तो यह ऐसे हमलों का एक संकेत था। उन्होंने कहा, भारत ने पाकिस्तान के साथ अपनी तनातनी में अन्य नए तरीके भी दिखाए हैं, जैसे आगामी दक्षेस सम्मेलन में शिरकत नहीं करना, दक्षिण एशिया के अन्य देशों के साथ मजबूत संबंध बनाना और अमेरिका के साथ करीबी सुरक्षा संबंधों का इस्तेमाल पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग घटाने के लिए उसपर दबाव बनाने के लिए करना। रोसो ने कहा कि इससे इस्लामाबाद को एकदम सतर्क रहना पड़ सकता है। हालांकि जब ऐसे संघर्ष में नए तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है तो स्पष्ट संदेश अहम हो जाता है क्योंकि दोनों पक्षों को एक दूसरे के इरादे पता होने चाहिए। यह आकस्मिक तनाव बढ़ने से रोकेगा। 

रोसो के अनुसार, भारत ने कई हालिया उकसावों को पाकिस्तान के आंतकी समूहों से जुड़ा हुआ बताया था। इसके बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इन उकसावों का जवाब देने के लिए कुछ अलग तरीके अपनाए हैं। उन्होंने कहा, ये तरीके पूरी तरह नए नहीं हो सकते लेकिन चूंकि ये पाकिस्तान के उकसावों पर भारत की प्रतिक्रिया के केंद्र में रहे हैं, ऐसे में ये एक अलग रूख को रेखांकित करते हैं। रोसो ने कहा कि हालांकि भारतीय सेना ने कहा है कि वह और अधिक हमलों की योजना नहीं बना रही, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि कि भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव और अधिक बढ़ेगा या नहीं। रोसो ने कहा, इस बात की संभावना वाकई बेहद कम है कि पाकिस्तानी सेना के नियंत्रण में रहने वाले पाकिस्तानी आतंकी अब और हमले नहीं करेंगे। लेकिन आतंकवाद का समर्थन करने वाले इस्लामाबाद को इसके लिए जो कीमतें चुकानी हैं, वे अब बढ़ रही हैं और ये पहले से अलग रूप ले रही हैं।
 

आरएएनडी कॉरपोरेशन नामक थिंक टैंक के जोना ब्लैंक ने कहा कि 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत का धैर्य अब जवाब दे चुका है। उन्होंने कहा, पठानकोट मामले पर सब्र टूट चुका था। यह उम्मीद करना शायद अवास्तविक ही था कि उरी हमले पर भी सैन्य जवाब नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा, अजित डोभाल और सुसेन राइस के बीच फोन पर बातचीत से दो अहम चीजें हुईं- पहली तो यह कि इसने पाकिस्तान के जवाबी हमले को रोकने में मदद के लिए अमेरिका को विश्वास में लिया है। दूसरी यह कि इसने अमेरिका को हमले के बारे में इस्लामाबाद या मीडिया से पता चलने की स्थिति को रोका, जिससे भारत और अमेरिका के संबंधों को खतरे में डालने से बचाया जा सका। ब्लैंक ने कहा, इस बात की ज्यादा संभावना नहीं थी कि अमेरिका हमले की निंदा करेगा। एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के खिलाफ अमेरिका के लक्षित हमले के बाद, अब भारत द्वारा सीमा पार की गई कार्रवाई की आलोचना को पाखंडपूर्ण माना जाता। उन्होंने कहा, इसका नतीजा, भारत का सीमित हमला, पाकिस्तान की सीमित प्रतिक्रिया शायद उम्मीद के मुताबिक अच्छी रही। भारत की ओर से बड़ा हमला या पाकिस्तान के पूर्ण युद्ध की स्थिति में आ जाने से किसी भी देश का हित नहीं होता।

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पाकिस्तानी एयरलाइंस पर गाज गिरनी तय

सार्क सम्मलेन का बहिष्कार और मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने की कवायद के बाद अब  मोदी सरकार पाकिस्तान को एक और झटका दे सकती है। अब प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की नजर भारत-पाकिस्तान एयरलाइन पर है। भारत अब हवाई यात्राओं पर पाकिस्तान को झटका देने की तैयारी में है। इस नेटवर्क से ही दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें मिलती हैं और दोनों देशों के विमान एक दूसरे के वायुक्षेत्र का इस्तेमाल करते हैं।
 
पीएमओ ने भारत-पाकिस्तान के बीच उड़ानों पर रिपोर्ट तलब की है। पीएमओ भारत और पाकिस्तान के बीच एयर कनेक्टिविटी की समीक्षा करना चाहता है। पीएमओ ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इसकी जानकारी मांगी है। मोदी सरकार पाकिस्तान को एमएफएन दर्जे पर पुनर्विचार कर रही है और इसमें एयर कनेक्टिविटी भी एक मुद्दा होगा। उरी हमले के बाद भारत का रुख इस बार सख्त है। सबसे पहले सरकार ने सिंधु जल संधि पर समीक्षा बैठक बुलाई जिसमें पानी का अधिक से अधिकर इस्तेमाल और कई प्रोजेक्ट शुरू करने जैसे तमाम विकल्पों पर विचार हुआ। इसे लेकर पाकिस्तान इस कदर घबराया कि उसने वर्ल्ड बैंक से गुहार भी लगाई।
 
अगर एमएफएन दर्जे को रद्द करने का फैसला होता है तो पाकिस्तान को ये दूसरा झटका होगा। इसी के साथ भारत एयर कनेक्टिविटी पर भी कड़ा फैसला ले सकता है। यानि दोनों देशों के बीच होने वाली उड़ानों पर भी भारत-पाक संबंधों का असर दिखेगा। आपको बता दें कि फिलहाल कोई भी भारतीय विमान सेवा कंपनी पाकिस्तान के लिए फ्लाइट्स उपलब्ध नहीं कराते हैं। एक सप्ताह में पाकिस्तान की पांच फ्लाइट्स भारत आती हैं। इससे पहले भारतीय विमान कंपनियों ने सरकार से पाकिस्तानी वायु क्षेत्र में उड़ान न भरने की बात कही थी और नए हवाई मार्ग के इस्तेमाल की अनुमति मांगी थी।

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हाई अलर्ट पर हैं दोनों देशों की सेनाएं

पीओके में भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में सियासी हलचल तेज हो गई है। नवाज शरीफ ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। वहीं, भारत की तीनों सेनाएं अलर्ट पर हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने सीमा पर सुरक्षा के हालात का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक बुलाई है। 

भारतीय नौसेना अलर्ट, मुंबई में कई कार्यक्रम रद्द
सेना और वायुसेना के बाद भारतीय नौसेना को भी अलर्ट कर दिया गया है। मुंबई में होने वाले उसके कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। शनिवार को युद्दपोत देखने और तीन अक्टूबर को प्रदर्शनी लगाए जाने का कार्यक्रम भी रद्द कर दिया गया है। 

नवाज की कैबिनेट बैठक
वहीं, पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है। गृह और रक्षा मंत्रालयों के अधिकारी शरीफ को बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा से अवगत कराएंगे। इसमें भारत व पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चर्चा होगी। इसके अलावा शरीफ ने एलओसी पर सुरक्षा हालात पर चर्चा के लिए मंगलवार यानी चार अक्टूबर को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई है, जबकि पांच अक्टूबर को संसद का संयुक्त सत्र बुलाया है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के लिए आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज बैठक करेंगे।

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