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MCI का फरमान: जेनेरिक दवाएं नहीं लिखने वाले डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई

देश में शीर्ष चिकित्सा नियामक ने उन डॉक्टरों को चेतावनी दी है जो मरीजों को जेनेरिक दवाओं के बजाय पेटेंट दवाएं लिखते हैं। भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआर्इ) ने कहा, अगर डॉक्टर केवल जेनेरिक दवाओं की...

MCI का फरमान: जेनेरिक दवाएं नहीं लिखने वाले डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 22 Apr 2017 07:07 PM
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देश में शीर्ष चिकित्सा नियामक ने उन डॉक्टरों को चेतावनी दी है जो मरीजों को जेनेरिक दवाओं के बजाय पेटेंट दवाएं लिखते हैं। भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआर्इ) ने कहा, अगर डॉक्टर केवल जेनेरिक दवाओं की अनुशंसा करने के दिशानिर्देश का पालन नहीं करते, तो उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में कम कीमत की दवाएं डॉक्टरों द्वारा अनुशंसा करने को लेकर कानून बनाने की बात कही थी। इसके बाद एमसीआई का यह निर्देश सामने आया है। एमसीआई ने चिकित्सा समुदाय से कहा है कि इसके 2016 की अधिसूचना का पालन करें, जिसमें इसने भारतीय चिकित्सा परिषद (पेशेवर व्यवहार, शिष्टता और नैतिकता) विनियमन 2002 की धारा 1.5 में इस सिलसिले में संशोधन किया है।

हाल के समय में सूरत में एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा था कि चिकित्सक इस तरह से पर्ची लिखते हैं कि गरीब लोग उनकी लेखनी समझ नहीं पाते और वे उंचे दामों पर निजी दुकानों से दवाएं खरीदते हैं। एमसीआई के सर्कुलर में कहा गया है, एमसीआई अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी चिकित्सकों को निर्देश दिया जाता है कि विनियमन के उपयुक्त प्रावधानों का अनिवार्य रूप से पालन करें। यह सर्कुलर मेडिकल कॉलेजों के सभी डीन, प्रिंसिपल, अस्पतालों के निदेशकों और सभी राज्य चिकित्सा परिषद के अध्यक्षों को जारी किया गया है।

सरकार भी 2015 के आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची को संशोधित कर रही है ताकि अधिक दवाओं को इसमें शामिल किया जा सके। जन औषधि कार्यक्रम का भी विस्तार किया जा रहा है जिसके तहत सरकार उचित दर पर आवश्यक दवाएं मुहैया कराती है।


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