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हाथी से भी महंगे होते हैं इस जानवर के दांत

तुमने चिड़ियाघर में किसी पानी के हौज में पूरी तरह डूबा, सारी दुनिया से बेपरवाह एक जानवर जरूर देखा होगा। पहली नजर में ऐसा लगता है जैसे पानी में एक मिट्टी का टीला उभरा हुआ हो। पर ध्यान से देखने पर...

हाथी से भी महंगे होते हैं इस जानवर के दांत
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 16 Dec 2016 12:54 PM
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  • तुमने चिड़ियाघर में किसी पानी के हौज में पूरी तरह डूबा, सारी दुनिया से बेपरवाह एक जानवर जरूर देखा होगा। पहली नजर में ऐसा लगता है जैसे पानी में एक मिट्टी का टीला उभरा हुआ हो। पर ध्यान से देखने पर तुम्हें टीले पर दो आंखें दिख जाएंगी। यही है, तुम्हारा प्यारा, पर दुनिया के सबसे सुस्त जानवरों में से एक, हिप्पोपोटेमस यानी दरियाई घोड़ा।
  • हिप्पोपोटेमस नाम ग्रीक शब्दों हिप्पोज और पोटेमस के मेल से बना है। हिप्पो का अर्थ है घोड़ा और पोटेमस का अर्थ होता है नदी। पर नाम जो भी हो, हिप्पो घोड़ों के मुकाबले पिग्स फैमिली के ज्यादा करीब है।
  • हिप्पो इस दुनिया में करीब लाखों वर्ष ईसा पूर्व से रह रहे हैं। ये मुख्य रूप से अफ्रीकी जानवर हैं। वहीं से ये पूरी दुनिया में धीरे-धीरे फैले। आज भी दुनिया में सवा से डेढ़ लाख तक हिप्पो बचे हुए हैं। मुख्य रूप से ये जांबिया व तंजानिया में देखने को मिलते हैं। पर चिड़ियाघरों की मेहरबानी से इन्हें अब दुनिया के किसी भी कोने में देखा जा सकता है।
  • हाथी और गैंडे के बाद धरती पर यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा जानवर है। वजन में तो हिप्पो गैंडे को भी मात दे देते हैं। एक आम हिप्पो का वजन 1500 से 1800 किलोग्राम तक होता है, जबकि मादा का वजन उनसे करीब 300 किलोग्राम तक कम होता है। कई हिप्पो का वजन 3600 किलोग्राम तक पाया गया है।
  • आम तौर पर हिप्पो की उम्र 40 से 50 वर्ष तक होती है।
  • हिप्पो पानी में रहना पसंद करते हैं। इसका एक मुख्य कारण इनके पैर हैं। इनके बाकी शरीर की तुलना में इनके पैर छोटे होते हैं। इसी कारण इन्हें चलने में ज्यादा आराम महसूस नहीं होता। पानी में ये तैरते से रहते हैं और इनका वजन इसमें आड़े नहीं आता। इनका शरीर बहुत चिकना होता है। शरीर पर प्राकृतिक सनस्क्रीन होती है, जो इन्हें सूरज की घातक किरणों से बचाती है। पानी में रहकर ये खुद को ज्यादा गरमी में ठंडा रखते हैं।
  • ये समूह में रहते हैं। इस समूह का एक मुखिया होता है। एक ग्रुप में 40 हिप्पो एक साथ रहते हैं। नदी का करीब 250 मीटर तक का इलाका एक समूह के पास होता है। इस समूह में मादाएं और बच्चों के साथ अन्य वयस्क हिप्पो भी रह सकते हैं। पर उन्हें मुखिया की बात माननी पड़ती है। समूह में रहने पर भी ये आपस में बहुत कम लड़ते हैं और एक-दूसरे की जान लेने से बचते हैं। यहां तक कि जब एकाधिकार की लड़ाई होती है, तब  जिसको भी लग जाता है कि प्रतिद्वंद्वी ज्यादा ताकतवर है, तो वह लड़ना छोड़कर दूसरे का आधिपत्य मान लेता है।
  • जब एक समूह में ज्यादा हिप्पो हो जाते हैं, तो शामत बच्चों की आती है। समूह के वयस्क हिप्पो बच्चों को मारने लगते हैं। इसके विपरीत मौका मिलने पर मादा हिप्पो वयस्क को मारने से नहीं चूकतीं। पर ऐसा करने के पीछे इनका मकसद अपने बच्चों को बचाना ही होता है।
  • मुख्य रूप से हिप्पो शाकाहारी होते हैं। पानी से बाहर आकर ये छोटी-छोटी घास खाना पसंद करते हैं। खाने के चक्कर में ये पानी से दूर तक भी चले जाते हैं। ये चार-पांच घंटों तक घास चरते हैं। इस दौरान ये 68 किलोग्राम तक घास चर जाते हैं और रात भर में पचा भी लेते हैं। सुबह सूरज निकलने से पहले ही ये पानी में लौट आते हैं।
  • अन्य जीवों की तरह हिप्पो के लिए भी सबसे बड़ा खतरा मनुष्य ही है। दांत व मांस के लिए इनका खूब शिकार किया जाता है। इसके दांत तो हाथी के दांत से भी महंगे माने जाते हैं, क्योंकि समय के साथ इसके दांत पीले नहीं पड़ते, सफेद ही रहते हैं। 

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