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चीकू की टेंशन

चीकू खरगोश आज सुबह से बहुत नर्वस घूम रहा था और बार-बार अपने नाखून चबा रहा था। उसकी यह हालत देखकर  उसकी नानी ने पूछा, ‘क्यों रे चीकू, क्या हुआ? आज रोज की तरह फुदक क्यों नहीं रहा है? क्या...

चीकू की टेंशन
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 22 Mar 2017 01:32 PM
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चीकू खरगोश आज सुबह से बहुत नर्वस घूम रहा था और बार-बार अपने नाखून चबा रहा था। उसकी यह हालत देखकर  उसकी नानी ने पूछा, ‘क्यों रे चीकू, क्या हुआ? आज रोज की तरह फुदक क्यों नहीं रहा है? क्या तूने कुछ  गड़बड़ किया है।’ उनकी बात सुनकर चीकू ने कोई जवाब नहीं दिया और चुपचाप बिस्तर पर जाकर सो गया। यह देखकर उसकी मम्मा ने चीकू की नानी से कहा, ‘अरे मॉम! आज आपके लाडले चीकू का रिजल्ट आने वाला है, इसलिए वह सुबह से टेंशन में है। हर बार क्लास में फर्स्ट आता है, पर इस बार मामा की शादी में जाने की वजह से उसने अपना एक यूनिट टेस्ट मिस कर दिया था। ऐसे में उसे चिंता है कि कहीं क्लास में उसकी फर्स्ट पोजिशन न छिन जाए।’
यह सुनकर चीकू की नानी ने तुरंत चीकू से कहा, ‘प्यारे चीकू तुम मन लगाकर पढ़ाई करते हो, यह अच्छी बात है, पर रिजल्ट के चक्कर में टेंशन मत लो। ये जरूरी नहीं कि तुम हर बार फर्स्ट ही आओ। हमें कभी भी किसी चीज के लिए अपने से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं करनी चाहिए। अगर इस बार तुमने एक टेस्ट मिस किया है तो हो सकता है कि कोई तुम्हारा दोस्त पहली रैंक पर आ जाए। अगर ऐसा हो तो तुम उसे बधाई देना और बिल्कुल उदास मत होना।’
नानी की बात सुनकर चीकू दुखी हो गया। उसने रोते हुए कहा कि क्या अब मैं अपनी हार को सेलिब्रेट करूं? यह कैसी बात कर रही हैं आप?  नानी कुछ और कहतीं, इससे पहले चीकू की मम्मा ने कहा, ‘बेटा हम ऐसा बिल्कुल नहीं कह रहे हैं, पर ये भी समझो कि दुनिया में हर वक्त आप ही टॉप पर नहीं रह सकते हो। टॉप पर आने के लिए जी-तोड़ मेहनत तो करो ही, पर अगर किसी वजह से ऐसा न कर पाओ तो उसे लेकर ज्यादा भावुक भी मत रहो। अभी तो जिंदगी के कई इम्तिहान बाकी हैं। कोशिश करते रहो और जिंदगी के साथ चलते रहो। तुम्हें याद है न! पिछले साल जब चिंकी सियार अपनी दसवीं की परीक्षा में दो अंक से पहली रैंक चूक गई थी तो वो कितनी परेशान रहने लगी थी और उस चक्कर में वह शहर के बड़े स्कूल के एंट्रेंस एग्जाम में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। इसलिए हमारा कहना ये है कि रिजल्ट जैसा आए, उसे स्वीकार करो और उस पर आंसू बहाने की बजाय अगले साल कैसे उसमें सुधार लाया जाए, उसके बारे में सोचो। तभी हम जिंदगी में अच्छे से आगे बढ़ पाएंगे।’
अरे ये देखो, चीकू के पापा तो मिठाई का डिब्बा लेकर आ गए और बोले- ‘देखो, चीकू का रिजल्ट आ गया है। इस बार चीकू ने फिर टॉप किया है। कहां है चीकू, मैं तो उसकी मनपसंद रसमलाई लेकर आया हूं।’  ये सुनते ही चीकू तुरंत जीभ लपलपाते हुए आंगन में आया और बोला, ‘वाह! मैं सबसे बेहतर हूं...। ’ उसके पापा ने तुरंत उसके मुंह में रसमलाई डालते हुए कहा, ‘इस बार तुम्हारे दो और साथी भी तुम्हारी तरह टॉप पोजिशन पर आए हैं।’ उनकी बात सुनकर चीकू ने कहा, ‘ओके डैड , मैं उन दोनों को फोन करके मुबारकबाद देता हूं। उन्होंने भी मेरी तरह ही पढ़ाई में खूब मेहनत की है और अच्छी बात है कि हम सब अगली क्लास में पहुंच गए हैं। मुझे आज नानी ने समझाया है कि हमें अपनी ओर से हर काम पूरी मेहनत के साथ करना चाहिए। रिजल्ट को लेकर ज्यादा टेंशन नहीं लेनी चाहिए और कैसे हम आगे सुधार ला सकते हैं, इसके बारे में सोचना चाहिए।  इस तरह हमें जिंदगी में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाएगा।’
चीकू के मुंह से ये बात सुनकर तुरंत उसके पापा बोले, ‘वाह! मेरा बेटा तो बड़ा समझदार हो गया है।’ यह सुन कर चीकू बहुत खुश हुआ और यह बात उसने अपने दोस्तों को भी बताई।
                                       

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