चंपारण यात्रा के सौ साल बाद भी किसानों की स्थिति दयनीय
गांधी की चंपारण यात्रा के सौ साल पूरे हो गये हैं। लेकिन चंपारण और किसानों की स्थिति अभी भी दयनीय है। ये बातें रविवार को स्वतंत्रता सेनानी रामसंजीवन ठाकुर ने कही। वे खादी भंडार स्थित गोधूली वृद्धाश्रम...
गांधी की चंपारण यात्रा के सौ साल पूरे हो गये हैं। लेकिन चंपारण और किसानों की स्थिति अभी भी दयनीय है। ये बातें रविवार को स्वतंत्रता सेनानी रामसंजीवन ठाकुर ने कही। वे खादी भंडार स्थित गोधूली वृद्धाश्रम में ‘सत्याग्रह के सौ वर्ष व गांधी विषय पर आयोजित संगोष्ठी में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस जगह पर चंपारण सत्याग्रह के दौरान कई महापुरुष आये थे। इसलिए खादी भंडार को व्यवस्थित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया जाए। इस जगह पर गांधी अध्ययन केन्द्र वृहत रूप से बनाने का प्रयास किया जाए।
गांधी आज भी प्रासंगिक:
पूर्व जिला पार्षद मुक्तेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि गांधी आज भी प्रासंगिक हैं। हम गांधी के बताये रास्ते पर चलकर आगे बढ़ें और समाज को संगठित करें। यही गांधी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. हेमनारायण विश्वकर्मा ने कहा कि गांधी चंपारण में आये और यहीं उन्हें गांधी की उपाधि मिली। स्वागत व विषय प्रवेश आश्रम के अध्यक्ष प्रो. विकास नारायण उपाध्याय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सचिव शैलेन्द्र कुमार ने किया। मौके पर एम अखलाक, आनंद भूषण मिश्रा, ईश्वर साह, विनय प्रशांत, प्रभात कुमार व राजेश तिवारी आदि भी थे।