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प्रखंडों में आर्मी वर्म का खतरा, किसान परेशान

गायघाट, कटरा और बोचहां में धान, खेसारी व मसूर की फसल को भारी क्षति पहुंचाने के बाद रबी फसल में भी आर्मी वर्म के फैलने की आशंका है। यह आसपास के प्रखंडों में भी फैल सकता है। सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण...

प्रखंडों में आर्मी वर्म का खतरा, किसान परेशान
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 07 Nov 2016 08:36 PM
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गायघाट, कटरा और बोचहां में धान, खेसारी व मसूर की फसल को भारी क्षति पहुंचाने के बाद रबी फसल में भी आर्मी वर्म के फैलने की आशंका है। यह आसपास के प्रखंडों में भी फैल सकता है। सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण कन्हैया सिंह ने इसकी आशंका जताई है। उन्होंने अभी से ही आर्मी वर्म व दूसरे कीड़ों से बचने के लिए किसानों को तैयारी करने की सलाह दी है।बोचहां, गायघाट और कटरा की खेतों में आर्मी का लार्वा मौजूद है। इसमें से 60 फसदी लार्वा 90 फीसदी तक कीट बन चुका है। अब यह कभी भी तितली का आकार लेकर उड़ सकता है। एक बार ये कीड़े उड़ गए, तो कहां जाएंगे यह कहना मुश्किल होगा। ठंड के दिनों में ये कहीं भी दुबक जाएंगे। लेकिन मार्च-अप्रैलअनुकूल मौसम आते ही ये कीड़े फिर से फसलों को बर्बाद करना शुरू कर देंगे। इसी तहर जमीन में दबा लार्वा भी ठंड बीतने के बाद गर्मी की धमक आते ही कीट बन जाएंगे और खेतों में तबाही मचा देंगे। मौसम अनुकूल होने पर इनकी प्रजनन क्षमता बढ़ जाती है। इसके बाद कीड़ों को रोक पाना मुश्किल होगा। रातों रात ये कीड़े सैकड़ों एकड़ फसल चट कर जाते हैं। बीज का करना होगा उपचार : किसानों को रबी की बुआई से पहले बीज का उपचार करना होगा। क्लोरोपायफोस 20 फीसदी ईसी- पांच मिलीमीटर प्रति किलो बीज का उपचार करें। इसके साथ ही रबी की बुआई से पहले खेतों में कीटनाशी का छिड़काव करें। इससे जमीन में बचे आर्मी व दूसरे कीटो का लार्वा खत्म हो जाएगा। ऐसा नहीं करने पर आर्मी वर्म फिर से खेतों की फसल को चट कर सकता है।जिले में जारी होगा अलर्ट : सहायक निदेशक ने बताया कि कीड़े तितली बनकर उड़ेंगे, उसके बाद कहां जाएंगे कहना मुश्किल है। इसके फैलने का खतरा जिले भर में है। अनुदान पर लोगों को दवा दी जा रही है। अलर्ट जारी करने के लिए डीएओ को पत्र लिखा गया है।- कन्हैया सिंह, सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण

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