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साउथ कोरिया से भारत की संस्कृति साझा करेगी एमडीडीएम कॉलेज की शिक्षा

साउथ कोरिया के साथ भारत की सभ्यता-संस्कृति और कला-परम्परा को एमडीडीएम कॉलेज की छात्रा शिक्षा साझा करेगी। दो अलग-अलग संस्कृति और सभ्यता के आदान-प्रदान के साथ दोनों देशों के संबंध को प्रगाढ़ बनाने में...

साउथ कोरिया से भारत की संस्कृति साझा करेगी एमडीडीएम कॉलेज की शिक्षा
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 03 May 2017 08:36 PM
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साउथ कोरिया के साथ भारत की सभ्यता-संस्कृति और कला-परम्परा को एमडीडीएम कॉलेज की छात्रा शिक्षा साझा करेगी। दो अलग-अलग संस्कृति और सभ्यता के आदान-प्रदान के साथ दोनों देशों के संबंध को प्रगाढ़ बनाने में शिक्षा अहम भूमिका निभाएगी। स्नातक कॉमर्स की अंतिम वर्ष की छात्रा शिक्षा के चयन ने मुजफ्फरपुर का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर ऊंचा किया है।

अब तक के कार्यों के आधार पर हुआ चयन:

सामाजिक कार्यों के साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में अलग मुकाम बनाने के कारण शिक्षा का चयन साउथ कोरिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संवाद के लिए हुआ है। मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स ने शिक्षा का चयन उसके अब तक के कार्यों के आधार पर किया है। इससे पहले 19 नवम्बर 2016 को शिक्षा को राष्ट्रपति के हाथों इंदिरा गांधी एनएसएस अवार्ड मिला था।

दोनों देशों का संबंध प्रगाढ़ करेगा कार्यक्रम:

दो देश अपनी सभ्यता, संस्कृति, कला व परम्परा को आपस में साझा करें और दोनों देशों का संबंध प्रगाढ़ हो, इसलिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसमें देश भर से विभिन्न क्षेत्रों से 35 छात्राओं का चयन हुआ है। एनएसएस के तहत दो छात्राओं का चयन देश भर से हुआ है। इसमें बिहार से शिक्षा के अलावा झारखंड की एक छात्रा शामिल है। शिक्षा ने बताया कि सात मई को दिल्ली पहुंचना है जहां दो दिन ट्रेनिंग होगी। इसके बाद 10 से 19 मई तक साउथ कोरिया में अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संवाद होगा।

बिहार की पहचान मधुबनी पेंटिंग लेकर जाएगी शिक्षा:

शिक्षा ने बताया कि मधुबनी पेंटिंग हमारे राज्य की गौरवशाली पहचान है। इससे साउथ कोरिया के लोगों को रूबरू कराना चाहती हूं। इसलिए यहां से मधुबनी पेंटिंग साथ लेकर जाऊंगी। प्राचार्य डॉ. ममता रानी ने कहा कि शिक्षा के चयन ने इस कॉलेज को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। साउथ कोरिया की संस्कृति के बारे में यहां की छात्राओं को भी जानने का मौका मिलेगा।

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