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गांव-गांव घूमेगी श्री राम की बारात और सीता की डोली

मिथिला परंपरा में धर्म-कर्म व संस्कार की अपनी खास पहचान है, जो दुनियां भर में चर्चित है। विवाह पंचमी महोत्सव उनमें से एक है। आगामी 4 दिसंबर को बाबूबरही के बक्साही गांव के रामजानकी मंदिर में विवाह...

गांव-गांव घूमेगी श्री राम की बारात और सीता की डोली
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 02 Dec 2016 04:48 PM
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मिथिला परंपरा में धर्म-कर्म व संस्कार की अपनी खास पहचान है, जो दुनियां भर में चर्चित है। विवाह पंचमी महोत्सव उनमें से एक है। आगामी 4 दिसंबर को बाबूबरही के बक्साही गांव के रामजानकी मंदिर में विवाह पंचमी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। दो दिवसीय महोत्सव के दौरान भगवान राम और सीता विवाह के उपलक्ष्य में इलाके के साधु-संतों की मौजूदगी में धूम-धाम से सीता की शादी के लिए मटकोर की रस्म पूरी की जाएगी और बारात निकाली जाएगी।

इसकी तैयारी व्यापक पैमाने पर चल रही है। आयोजक रामटहल दास उर्फ त्यागी बाबा ने बताया कि मंडप बनाने का काम चल रहा है। उसी मंडप पर भगवान की परिक्रमा होगी। मटकोर व विवाह के दिन अलग-अलग झांकी निकाली जाएगी। मां जानकी की डोली फुलवारी से उठेगी। ये फुलवारी बेला गांव में है। वहां से पकरियाटोल, बलाटी, मुरहदी, बाबूबरही, पिपराघट, श्यामसिद्धप गांवों का परिभ्रमण करेगी। उन्होंने बताया कि प्रभु श्रीराम, मां जानकी, भरत और शत्रुघ्न अपने गुरु विश्वामित्र जी के साथ श्यामसिद्धप गांव के बारात मंडप से निकलेंगे। वह बारात लेकर श्यामसिद्धप, पिपराघट, भटगामा, लालापट्टी, घंघौर के बाद पुनः बक्साही पहुंचेंगे। मटकोर व विवाह के दिन निकलने वाली झांकी का केंद्र होगा रामजानकी मंदिर। विवाह उपरांत संतों का भंडारा और विदाई समारोह 5 को होगा। यह मंदिर कमला नदी के तट पर स्थित है। इसी मंदिर पर ही इलाके भर में अपनी दैविक लीला दिखाने वाले मशहूर संत शबद बाबा की कुटिया थी। यहां हर साल पंचमी को राम-सीता के विवाह का आयोजन होता है।

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