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मेयर की कुर्सी पिछड़ा वर्ग अन्य के लिए आरक्षित होते ही रणनीति बदल रहे किंग मेकर

मेयर पद पिछड़ा वर्ग (अन्य) के लिए आरक्षित हो जाने के बाद अब नगर निगम की राजनीति में नये सिरे से चुनावी रणबांकुरों का ताना-बाना बुना जा रहा है। किंग मेकर अपनी रणनीति बदल रहे हैं।अलग-अलग खेमों की...

मेयर की कुर्सी पिछड़ा वर्ग अन्य के लिए आरक्षित होते ही रणनीति बदल रहे किंग मेकर
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 14 Mar 2017 09:24 PM
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मेयर पद पिछड़ा वर्ग (अन्य) के लिए आरक्षित हो जाने के बाद अब नगर निगम की राजनीति में नये सिरे से चुनावी रणबांकुरों का ताना-बाना बुना जा रहा है। किंग मेकर अपनी रणनीति बदल रहे हैं।

अलग-अलग खेमों की गोलबंदी तो पहले ही दिख रही थी, अब एक खास खेमा कुछ ज्यादा ही दम दिखा रहा है। होली के बहाने शहर में हुए मिलन समारोहों पर राजनीतिक रंग भी चढ़ा रहा। पिछड़ा वर्ग (अन्य) की राजनीति को नई संजीवनी मिल गई है। इसे समुदाय से चुनाव लड़े पूर्व प्रत्याशियों व कई वर्तमान वार्ड पार्षदों का हौसला बुलंद दिख रहा है।

इधर, निगम की राजनीति में खासा दिलचस्पी रखने वाले रणनीतिकारों को भी आगामी चुनाव को लेकर जमीनी हकीकत पर नये सिरे से मंथन करना पड़ रहा है। आगे कई दांव-पेच अपनाये जायें तो अचंभा नहीं। होली में जतीय संगठनों के भी नब्ज टटोले जाते रहे।

निगम चुनाव में पिछड़ा वर्ग (अन्य) के लिए नौ सीटों पर आरक्षण है। वैसे वर्तमान निगम सरकार में दो दर्जन से अधिक वार्ड पार्षद इसी समुदाय से हैं। वैसे 2007 में भी निगम चुनाव के दौरान पिछड़ा वर्ग (अन्य) की ताकत दिखी थी। तब एक महिला पार्षद को मेयर का उम्मीदवार बनाया गया था। हालांकि तब मेयर की कुर्सी इस समुदाय के पाले में नहीं आ पायी थी। बीते 2012 के चुनाव में भी इस समुदाय के पार्षदों की संख्या बढ़ी, लेकिन चर्चा से आगे कोई वार्ड पार्षद मेयर की कुर्सी तक नहीं पहुंच सका।

वर्तमान 49 वार्ड पार्षदों में पिछड़ा वर्ग (अन्य)

मुस्लिम पिछड़ा वर्ग (अन्य) -05

गैर मुस्लिम पिछड़ा वर्ग (अन्य)-15

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