नैक की तरह सीबीएसई बोर्ड स्कूलों को देगा ग्रेड
नैक से कॉलेजों को मिलने वाले ग्रेड की तरह अब सीबीएसई भी स्कूलों को ग्रेड देगा। इसके आधार पर ही स्कूलों की फी तय होगी। इसके लिए सभी स्कूल से 30 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी गई है। स्कूलों के...
नैक से कॉलेजों को मिलने वाले ग्रेड की तरह अब सीबीएसई भी स्कूलों को ग्रेड देगा। इसके आधार पर ही स्कूलों की फी तय होगी। इसके लिए सभी स्कूल से 30 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी गई है। स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के आधार पर बोर्ड स्कूलों को पांच ग्रेड में बांटेगा।
प्राइवेट स्कूलों के मनमाने तौर पर फी वसूलने पर रोक लगाने के लिए सीबीएसई बोर्ड ने यह सख्ती की है। सुविधा कम और शुल्क ज्यादा के साथ अलग-अलग स्कूलों के फी स्ट्रक्चर पर इसके तहत लगाम लगाया जाएगा। सुविधाओं के आधार पर फी एकरूपता के लिए बोर्ड ने सभी स्कूलों से उनके इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं कर पूरा ब्योरा मांगा है।
एफिलिएशन वाली जगह पर बिल्डिंग न होने पर नपेंगे स्कूल संचालक
एफिलिएशन किसी जमीन पर, स्कूल चल रहा है कहीं और। स्कूलों के इस खेल की भी कलई खुलने वाली है। बोर्ड ने जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) से वीडियोग्राफी कराने का आदेश स्कूल प्रबंधन को दिया है। इसमें स्कूल गेट, कैम्पस से लेकर शिक्षण अवधि में वर्ग कक्ष की वीडियोग्राफी करनी है। एफिलिएशन वाली जमीन पर बिल्डिंग नहीं होने पर स्कूल संचालक नप सकते हैं।
ए से ई तक मिलेगा ग्रेड
सीबीएसई स्कूलों के संगठन नॉर्दन सहोदय के पीआर सतीश कुमार झा ने बताया कि दिल्ली में बैठी टीम देखेगी कि स्कूल की बिल्डिंग कहां है और उसकी स्थिति क्या है। इसके साथ ही स्कूल के सभी संसाधन, शिक्षकों का वेतन और उनकी योग्यता संबंधित कागजात, बच्चों की संख्या समेत पूरा ब्योरा देना है। संसाधन और सुविधा के आधार पर स्कूलों को ए से ई तक ग्रेड में बांटा जाएगा। इसी ग्रेड के आधार पर बोर्ड फी तय करेगा। 30 अक्टूबर तक यह रिपोर्ट भेज देनी है।