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अक्षय तृतीया : बन रहा है विशेष योग, जानें पूजन विधि व शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया पर इस बार बहुत शुभ योग बन रहा है। हिन्दु पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूज

लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 27 Apr 2017 03:24 PM

अक्षय तृतीया पर इस बार बहुत शुभ योग बन रहा है। हिन्दु पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। वहीं इस दिन किसी भी कार्य को करने के लिए पंचांग देखने या मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता नहीं होती।

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शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया इस बार 28 अप्रेल शुक्रवार को प्रातः 10:29 से ही शुरू हो जाएगी जो अगले दिन 29 अप्रेल शनिवार को प्रातः 6:56 तक रहेगी। जो व्यापारी परशुराम जयंती पर पूजन करना चाहते हैं, उन्हें एक दिन पूर्व 28 अप्रैल शुक्रवार को सायंकालीन तृतीय में गोधूलि वेला सायं 6:28 बजे से रात्रि 8:40 बजे तक पूजन धन निवेश करना श्रेष्ठ रहेगा। रोहिणी नक्षत्र का संयोग होने से व्यापारिक कार्यों के लिए यह अतिशुभ है।

ज्योतिष के अनुसार इस वर्ष 29 अप्रैल 2017 शनिवार को बैशाख शुक्ल तृतीया सूर्योदय से लेकर प्रातः 6.56 तक व्याप्त रहने तथा रोहिणी नक्षत्र समायुक्त होने के कारण अक्षय तृतीया के लिए उपयुक्त रहेगी। इस दिन जल से भरे घड़े, कुल्हड़, सकोरे, पंखे, खड़ाऊं, छाता, चावल, नमक, घी, खरबूजा, ककड़ी, चीनी, साग, इमली, सत्तू आदि का दान पुण्यकारी माना जाता है। अक्षय तृतीया पर चप्पल दान करने का भी महत्व है। माना जाता है कि ऐसा करने पर मृत्यु के पश्चात नर्क नहीं भोगना पड़ता। इस दिन नए वस्त्रों का दान लंबी आयु के लिए किया जाता है।

कैसे करें अक्षय तृतीया पर पूजा व उपवासः
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि नित्य कर्मों से निवृत होकर व्रत या उपवास का संकल्प करें। इसके बाद पूजा स्थान पर विष्णु भगवान की मूर्ति या चित्र को साफ व स्वच्छ स्थान पर स्थापित कर पूजन शुरू करें। सबसे पहले भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद चंदन व पुष्पमाला अर्पित करें। भगवान विष्णु को पूजा में जौ, चावल और चने की दाल अर्पित करें। इसके पश्चात विष्णु की कथा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। पूजा के बाद भगवान को भोग लगाएं और प्रसाद को सभी भक्तों में बांटकर स्वयं भी ग्रहण करें। 

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