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हम बताते हैं कम खर्च में अच्छा खाना कैसे खाएं महिलाएं

एक औरत जिसे घर से लेकर बाहर तक अपने परिवार की पूरी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। घर में वो कई तरह की भूमिका निभाती है। कभी मां तो कभी बेटी, कभी बहू तो कभी पत्नी। हर वक्त उसे अपने परिवार के स्वास्थ्य का...

हम बताते हैं कम खर्च में अच्छा खाना कैसे खाएं महिलाएं
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 20 Sep 2016 12:09 PM
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एक औरत जिसे घर से लेकर बाहर तक अपने परिवार की पूरी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। घर में वो कई तरह की भूमिका निभाती है। कभी मां तो कभी बेटी, कभी बहू तो कभी पत्नी। हर वक्त उसे अपने परिवार के स्वास्थ्य का ख्याल ज्यादा रहता है। वो सबसे पहले उनके खाने पीने का ध्यान रखती है। उन्हें पौष्टिक आहार मिले इस बात पर उसका फोकस रहता है। लेकिन क्या हमने या आपने कभी सोचा है उसे भी पोषण की कितनी जरूरत होती है।

आज हम उनके ही आहार की बात करेंगे। उनके पोषण से जुड़ी कुछ बातें आपसे शेयर करेंगे। जो महिलाएं अच्छे खाना खाने में समर्थ नहीं हैं, उनके लिए भी कुछ उपाय हैं। प्रतिदिन उन्हें कम से कम कुछ मिनरल्स, प्रोटीन और विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने चाहिए। 

महिलाओं की शरीर बहुत ही संवेदनशील होता है। हर उम्र के साथ-साथ उनके शरीर में हॉरमोन बदलते हैं। बहुत जरूरी है कि उन्हें हर स्टेज पर स्वास्थ्य के आधार पर खाद्य मिले। 

प्रतिदिन उन्हें अधिक से अधिक हरी सब्जियां खानी चाहिए। विटामिन और खनिज तथा रेशों से भरी चीजें खानी चाहिए। मुली, गाजर, टमाटर, शलगम, खीरा, जैसी कुछ कच्ची सब्जियां प्रतिदिन खानी चाहिए।

भोजन में क्या खाएं

सब्जियों को काटने से पहले अच्छे से धो लें और फिर सब्जियों को उबाल लें। गेंहूं का चोकर एक पौष्टिक पदार्थ है । चोकर हटाये बिना ही गेहूं के आटे से रोटियां बनाई जा सकती है ।

कम खर्च में बेहतर खान-पान

जब आपकी जेब ढीली हो तो आप कम खर्च में भी अच्छा खाना खा सकते हैं। हमारे कुछ सुझाव हैं।प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ । सोयाबीन, फलियां व दालें प्रोटीन के अच्छे व सस्ते स्रोत हैं । अगर इन्हें पकाने और खाने से पहले अंकुरित भी कर लिया जाए तो इनमें विटामिनों की मात्रा और भी बढ़ जाती है। अंडे भी प्रोटीन का एक बढ़िया स्रोत है । अन्य मांसों की अपेक्षा गुरदे, कलेजी, तथा जिगर सस्ते लेकिन उतने ही पौष्टिक होते हैं।

गेहूं और रागी की चीजें, सब्जियां, दूध भी ज्यादा महंगा नहीं होता है। उसमें कैलसियम की मात्रा ज्यादा होती है। हरी सब्जियों का सूप बना लें। विटामिन सी तथा शक्कर होती है और ये काफी मात्रा में विटामिन व उर्जा (शक्ति) दे सकते हैं। केवल आपको इतना ज्ञान अवश्य होना चाहिए कि आप जहरीले व अच्छे जंगली फलों में अंतर पहचान सकें।



अपना भी ध्यान रखें औरत

दरअसल, औरतों को लगता है हम क्यों अपने ऊपर खर्च करें, उतने ही पैसों में उनके बच्चे अधिक स्वस्थ रहेंगे। विटामिनों को लोगों भोजन से ही आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए विटामिनों की गोलियां, कैपसूलों व सुईयों से बेहद सस्ती लेकिन उतनी ही असरदार होती है।

महिलाएं ज्यादा परिश्रम करती हैं तो उन्हें ज्यादा अच्छा और पौष्टिक भोजन खाने की जरूरत होती है। यह सच नहीं है कि महिलाओं को गर्भावस्था तथा स्तनपान के काल में कुछ खाद्य पद्यार्थों से परहेज करना चाहिए । कुछ समुदायों में में ऐसा विश्वास है की महिला को अपने जीवन में कुछ खास समय में कुछ विशेष खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए।

लेकिन ऐसा है नहीं, उन्हें हर फेज में जैसे माहवारी या गर्भवस्था के दौरान ज्यादा अच्छा खाना चाहिए। इन दिनों महिलाएं कुपोषण का शिकार हो रही हैं। अगर वे अच्छा खाना नहीं खाती हैं तो उनके होने वाले बच्चे भी इसी बीमारी से जुझते हैं। 

यह सत्य नहीं है कि महिला को पहले अपने परिवार को भोजन कराना चाहिए। कभी-कभी महिला के दिमाग में यह बात डाली जाती है कि वह तभी भोजन करे जब परिवार के अन्य लोगों ने भोजन कर लिया हो। ऐसी स्थिति में वह केवल बचा-खुचा भोजन की खा पाती है और घर के अन्य सदस्यों जिनता भोजन उसे नहीं मिलता है ।

 

क्या हो सकती है बीमारियां

अगर महिलाएं अच्छा खाना या खाने में कमी रखती हैं तो उन्हें कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। खून की कमी, आंखों की रोशनी कम होना। आयोडिन की कमी से शरीर कमजोर और एनीमियाग्रस्त कोई भी बीमारी।

एनीमिया एक गंभीर बीमारी है। इसके कारण महिला को अन्य बीमरियों होने की संभावना भी बढ़ जाती है। यह महिला की कार्यक्षमता व सीखने की क्षमता पर भी बुरा प्रभाव डालती है। एनिमियाग्रस्त महिलाओं की प्रसव के दौरान रक्त स्त्राव तथा मरने की संभवना काफी अधिक होती है ।

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