माइग्रेन से बचना है तो वजन पर रखें नियंत्रण
अमेरिका के बाल्टीमोर स्थित जॉन हॉप्किंस स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोध के मुताबिक जरूरत से ज्यादा मोटे या पतले लोगों को माइग्रेन होने का खतरा होता है। इसमें बताया गया है कि जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स...
अमेरिका के बाल्टीमोर स्थित जॉन हॉप्किंस स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोध के मुताबिक जरूरत से ज्यादा मोटे या पतले लोगों को माइग्रेन होने का खतरा होता है। इसमें बताया गया है कि जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30 या उससे अधिक है, उन्हें सिर दर्द की यह गंभीर बीमारी होने का खतरा 27 फीसदी तक अधिक होता है।
शोधकर्ताओं ने तीन लाख लोगों के आंकड़ों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है। इसमें यह भी कहा गया है कि 18.5 या उससे कम बीएमआई होने पर भी माइग्रेन होने का खतरा 13 फीसदी तक बढ़ जाता है। प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर ली पीटरलिन का कहना है कि वसावाले ऊतकों से कई तरह के अणुओं का स्राव होता है, जो माइग्रेन के लिए जिम्मेदार हो सकता हैं या उसके होने का कारण हो सकते हैं।
डॉ. पीटरलिन ने बताया कि बीएमआई व्यक्ति के वजन और लंबाई का अनुपात बताता है। स्वस्थ बीएमआई 18.5 से 24.9 के बीच कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि मोटापा और माइग्रन महिलाओं और युवाओं में अधिक सामान्य बात थी।
हालांकि बहुत कम वजन होना भी इसकी उतनी अहम वजह है। डॉ. पीटरलिन ने कहा कि समय रहते इन दोनों समस्याओं पर ध्यान दिया जाए तो माइग्रेन को भी काबू में किया जा सकता है।
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