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दिवाली पर आपके पेट्स हो जाते हैं बेहद परेशान, ऐसे रखें उनका ध्यान

आज धनतेरस है और दिवाली का खुमार लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। आपने भी दिवाली सेलिब्रेट करने की पूरी तैयारी कर ही ली होगी। मिठाइयां, दीये, गिफ्ट्स और पटाखों के बिना दिवाली आपको भी सूनी-सूनी लगती होगी।...

दिवाली पर आपके पेट्स हो जाते हैं बेहद परेशान, ऐसे रखें उनका ध्यान
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 28 Oct 2016 02:28 PM
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आज धनतेरस है और दिवाली का खुमार लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। आपने भी दिवाली सेलिब्रेट करने की पूरी तैयारी कर ही ली होगी। मिठाइयां, दीये, गिफ्ट्स और पटाखों के बिना दिवाली आपको भी सूनी-सूनी लगती होगी। लेकिन शायद आप नहीं जानते कि आपके परिवारों में कुछ ऐसे भी शख्स मौजूद हैं जिनके लिए दिवाली एक काली और शोर भरी रात के अलावा कुछ भी नहीं। ज्यादा सोचिये नहीं हम आपके घरों में मौजूद आपके दुलारे पेट्स की बात कर रहे हैं। आज Livehindustan.com आपको याद दिला रहा है कि दिवाली के दिन आप अपने प्यारे पेट्स का कैसे ख्याल रख सकते हैं...

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क्या होता है आपके पेट्स का रिएक्शन
आपके घरों में मौजूद कुत्ते, बिल्लियां या पक्षियों को दिवाली के शोर से खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जब आप पटाखे जलाकर मज़ा ले रहे होते हैं तब आपके पेट्स इन तेज आवाजों से घबराकर घर में छुपने की जगह ढूंढ रहे होते हैं। जानकारों के मुताबिक दिवाली की रात पटाखों की आवाज़ से पेट्स में एंग्जायटी पैदा होती है। इससे उनका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और इंसान के मुकाबले अतिसंवेदनशील उनके कान के पर्दों को भी भारी नुक्सान पहुंचता है।

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बता दें कि कुत्ते-बिल्लियों की सुनने की क्षमता इंसानों से करीब 6 गुना ज्यादा होती है। इसके अलावा पटाखों से निकलने वाला धुंआ उनकी आंखों में जलन पैदा करता है। घबराहट के कारण कई जानवर सुस्त हो जाते हैं और कुछ खाना-पीना तक भी छोड़ देते हैं। जानकारों के मुताबिक हार्ट बीट तेज होने से चलते दिवाली की रात कुछ छोटी प्रजातियों के कुत्तों की मौत की घटनाएं भी सामने आई हैं। 

सिर्फ पेट्स ही नहीं स्ट्रीट एनिमल भी हो जाते हैं परेशान
आपके पेट्स के पास तो घर में छुप जाने का ऑप्शन होता है लेकिन उन जानवरों के बारे में सोचिये जिनकी जिंदगी सड़कों पर गुजरती है। ऐसे जानवर न सिर्फ आवाज़ और रोशनी से डरते हैं बल्कि रॉकेट जैसे पटाखें और जले पटाखों के बचे अवशेष से उन्हें काफी नुकसान पहुंचता है। रॉकेट की आवाज और धुंए से पछियों को बेहद नुकसान होता है। इसके आलावा कुछ शरारती तत्व पटाखें जलाते हुए कुत्तों के साथ कई मानवीय हरकत भी करते हैं जिससे वो बुरी तरह घायल हो जाते हैं। 

कैसे रखें अपने पेट्स और जानवरों का खयाल
इस दिन आपको अपने पेट्स का विशेष खयाल रखना होगा क्योंकि कभी -कभी ये एक रात उनके व्यवहार में भारी परिवर्तन का कारण बन सकती है। सबसे पहले आप उनके कानों को शोर से बचाने के लिए रूई के बने बड्स या मार्किट में मिलने वाले ईयर बड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने पेट्स को पटाखों से दूर रखें और जहां आप पटाखें जला रहे हैं वहां तो उन्हें बिलकुल न आने दें।

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घर की खिड़की और दरवाजे बंद रखें, पर्दा गिरा दें, ताकि रौशनी की चमक दिखायी न पड़े। टीवी और रेडियो के वॉल्यूम को थोड़ा ऊपर रखें जिससे उसे पटाखे की आवाज सुनाई न पड़े। अगर आपके पालतू जानवर के बिहेवियर में आपको बदलाव नज़र आता है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। इसके आलावा अगर दिवाली की रात के बाद आपको कोई घायल पशु दिखाई दे तो उसका इलाज कराने में मदद करें। 

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