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बच्चों के लिए खतरनाक है डिब्बाबंद जूस, इन बीमारियों का है खतरा

फलों में प्राकृतिक रूप से मिठास होती है, इसलिए उसमें अलग से शक्कर या मीठास बढ़ाने वाली चीजें मिलाने की जरूरत नहीं होती है। आहार विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में बिकने वाले डिब्बाबंद जूस में अत

एजेंसीThu, 23 Mar 2017 11:25 PM

फलों में प्राकृतिक रूप से मिठास होती है, इसलिए उसमें अलग से शक्कर या मीठास बढ़ाने वाली चीजें मिलाने की जरूरत नहीं होती है। आहार विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में बिकने वाले डिब्बाबंद जूस में अतिरिक्त मिठास होती है, जो बच्चों में शक्कर की मात्रा बढ़ाती है। इस उम्र में यह उनके लिए सही नहीं है।

स्कॉटलैंड में हुए शोध के नतीजों के आधार पर वहां की सरकारी एजेंसियों ने स्कूलों में बच्चों को दोपहर के भोजन के साथ सिर्फ पानी और दूध देने की बात कही है। उनका कहना है कि जूस में मौजूद अतिरिक्त शक्कर बच्चों के दांतों समेत सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। 

ब्रिटिश फ्रूट जूस एसोसिएशन के प्रवक्ता का कहना है कि सरकारी शोध के मुताबिक बच्चों द्वारा दिन में लिए जाने वाले पांच आहार में फलों और सब्जियों की भरपूर मात्रा होनी चाहिए। इनके जरिये उनके शरीर में जरूरी पोषक तत्व पहुंचते हैं और फलों में प्राकृतिक रूप से मिठास होती है। ऐसे में उन्हें अतिरिक्त शक्कर वाली चीजें देना उनके स्वस्थ विकास को बाधित कर सकता है। फलस्वरूप उनमें कम उम्र से मोटापा समेत अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। 

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सरकारी अस्पताल में आहार विशेष जॉयस थॉम्पसन कहती हैं कि हाल में जारी हुए शिशुओं और बच्चों के दांतों की सेहत से जुड़े आंकड़े डराने वाले हैं। अतिरिक्त मीठास वाली चीजों के सेवन के कारण उनकी जीवनशैली प्रभावित हो रही है। बहुत कम उम्र में उनके दांत खराब होने के कारण निकालने पड़ रहे हैं। इन आंकड़ों में मामूली रूप से ही सही, लेकिन इजाफा हो रहा है। 

आगे पढ़ें डिब्बाबंद जूस से नुकसान

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बच्चों के लिए खतरनाक है डिब्बाबंद जूस, इन बीमारियों का है खतरा

डिब्बाबंद जूस से नुकसान
भारत में कुछ आहार विशेषज्ञों का कहना है कि डिबाबंद जूस पीने से बेहतर है कि सीधे फलों का सेवन किया जाए। इससे लोगों को फलों में मौजूद पोषक तत्व तो मिलेंगे ही, फाइबर भी मिलेगा। 

पेट की समस्या
नाशपाती, स्वीट चेरी और सेब जैसे कुछ फलों में सॉर्बिटॉल जैसी शुगर मौजूद होती है, जो आसानी से पचती नहीं। इससे गैस, दस्त, पेट में उथल-पुथल और डायरिया होने की आशंका रहती है।

खत्म हो जाते हैं पोषक तत्व
डिब्बाबंद जूस बानने के लिए फलों के रस को पहले उबाला जाता है ताकि उनमें बैक्टीरिया खत्म किए जा सकें। लेकिन इससे विटामिन समेत अन्य पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। इससे शरीर को इससे फाइबर भी नहीं मिलता।

मोटापा बढ़ने का खतरा
डिब्बाबंद जूस से मोटापा बढ़ने का खतरा हो सकता है। आहार विशेषज्ञ भी मानते हैं कि प्राकृतिक फल और सब्जियों की तुलना में पैक्ड जूस को लेने से ज्यादा वजन बढ़ता है।

डायबिटिज के मरीजों के लिए सही नहीं
डायबिटीज के रोगियों को पैक्ड जूस नहीं पीना चाहिए। ये जूस रिफाइंड शुगर से बने होते हैं, जो डायबिटिक लोगों के लिए ठीक नहीं है। शुगर फ्री की सूचना लगी हो तब भी डायबिटीज के मरीजों को इसके सेवन से बचना चाहिए।

कृत्रिम रंगों का होता है इस्तेमाल
डिब्बाबंद जूस में कृत्रिम रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। कई बार ये कलर आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।

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