सेहतमंद बताने का सटीक आंकड़े नहीं देता बीएमआई
अक्सर लोग बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) देखकर सेहतमंद होने की बात करते हैं, लेकिन एक नए अध्ययन में यह कहा गया है कि बीएमआई अच्छे या बुरे स्वास्थ्य का संकेतक नहीं है। कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ...
अक्सर लोग बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) देखकर सेहतमंद होने की बात करते हैं, लेकिन एक नए अध्ययन में यह कहा गया है कि बीएमआई अच्छे या बुरे स्वास्थ्य का संकेतक नहीं है।
कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के शोधकर्ताओं का कहना है कि व्यक्ति के कद और वजन को नापकर स्वास्थ्य बताने का तरीका आधुनिक चिकित्सा में बेंच मार्क बन गया है। जबकि हकीकत इससे अलग है। उन्होंने कहा, शरीर की वसा का अनुपात जानने के लिए पहली बार 1970 में बॉडी मास इंडेक्स निकाला गया।
एक स्वस्थ शरीर का बीएमआई 18.5 से 24.9 के बीच माना गया है। 18.5 से कम बीएमआई को कम वजन की श्रेणी में डाला जाता है। वहीं, 25 से 29.9 के बीच बीएमआई होने पर अधिक वजन की श्रेणी में और 30 के ऊपर बीएमआई वाले व्यक्ति को मोटापे से ग्रस्त कहा जाता है।
अल्बर्टा यूनिवर्सिटी के डॉ. आर्या शर्मा का कहना है कि यह किसी समूह में स्वस्थ शरीर का पैमाना तय करने के लिए तो ठीक है। किसी एथलीट के स्वास्थ्य का पैमाने के रूप में इसे सही मान सकते हैं। लेकिन व्यक्तियों पर यह सटीक नहीं है।
कई बार 30 से कम बीएमआई वाले व्यक्तियों को भी मोटापे की तमाम समस्याएं होती हैं। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन मोटापे को एक बीमारी मानता है, जबकि किसी व्यक्ति के आकार को देखकर बीमार या स्वस्थ्य होने की बात नहीं कह सकते।