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सावधान! सॉफ्ट ड्रिंक्स की लत से रोजाना 504 मौतें

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक कोल्ड ड्रिंक या डिब्बाबंद जूस और हेल्थ ड्रिंक पीने से न सिर्फ ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, बल्कि इंसुलिन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होने लगती...

सावधान! सॉफ्ट ड्रिंक्स की लत से रोजाना 504 मौतें
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 07 Feb 2016 10:38 AM
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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक कोल्ड ड्रिंक या डिब्बाबंद जूस और हेल्थ ड्रिंक पीने से न सिर्फ ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, बल्कि इंसुलिन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होने लगती है। इससे व्यक्ति धीरे-धीरे डायबिटीज और हृदयरोगों की चपेट में आने लगता है।

अमेरिका की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन की मानें तो सॉफ्ट ड्रिंक की लत से होने वाले डायबिटीज से जहां हर साल 1.33 लाख जानें जाती हैं, वहीं हृदयरोग से लगभग 45,000 और कैंसर से 6,500 लोग मौत का शिकार बनते हैं। यानी कुल 1.84 लाख मौतों के लिए सॉफ्ट ड्रिंक जिम्मेदार हैं।

भारत में भी लगातार बढ़ रहे मामले

इंडियन मेडिकल काउंसिल के अनुसार पिछले दो दशक में भारत में डायबिटीज पीड़ितों की संख्या तीन गुना बढ़ी है। साल 1995 में जहां 1.94 करोड़ भारतीय टाइप-2 डायबिटीज के शिकार थे, वहीं 2014 में इनकी संख्या बढ़कर 6.68 करोड़ हो गई। लगभग 7.7 करोड़ भारतीय डायबिटीज का संभावित खतरा ङोल रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन की मानें तो भारत में हर साल 10 लाख लोगों की मौत डायबिटीज की वजह से होती है। ब्लड शुगर बढ़ने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का दौरा पड़ना या किडनी खराब होना मौत का कारण बनता है।

महिलाओं के लिए अधिक खतरनाक

कोल्ड ड्रिंक, डिब्बाबंद जूस और हेल्थ ड्रिंक पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। जो महिलाएं दिन में दो बार अत्यधिक शक्कर से लैस इन पेय पदार्थो का सेवन करती हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज और हृदयरोगों का खतरा 35 फीसदी तक बढ़ जाता है। वहीं, पुरुषों में इन पेय पदार्थो की वजह से डायबिटीज और दिल की बीमारियों के डर में 20 फीसदी का इजाफा होता है। डायबिटीज की रोकथाम की दिशा में काम करने वाली संस्था ‘डायबिटीज केयर’ ने तीन लाख से अधिक लोगों की सेहत पर कोल्ड ड्रिंक, डिब्बाबंद जूस और हेल्थ ड्रिंक का असर आंकने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। उसने इन पेय पदार्थो को हड्डियों, मांसपेशियों, दांतों, आंखों और किडनी की सेहत के लिए भी हानिकारक करार दिया है।

सॉफ्ट ड्रिंक पर टैक्स बढ़े
जानकारों का कहना है कि टैक्स में बढ़ोतरी सॉफ्ट ड्रिंक की लत पर लगाम लगाने का बेहतर जरिया साबित हो सकती है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में सॉफ्ट ड्रिंक पर टैक्स 20 फीसदी तक बढ़ा दिया जाए तो लगभग 1.12 करोड़ लोगों को मोटापे और 4 लाख लोगों को टाइप-2 डायबिटीज से बचाया जा सकता है। इंडिया स्पेंड की एक रिपोर्ट की मानें तो टैक्स बढ़ोतरी से कीमतों में आने वाला उछाल सॉफ्ट ड्रिंक की बिक्री में कमी लाएगा। मैक्सिको इसका बेहतरीन उदाहरण है। जनवरी 2014 में वहां की सरकार ने सॉफ्ट ड्रिंक पर 10 फीसदी टैक्स बढ़ाने की घोषणा की। नतीजा यह हुआ कि अगले कुछ ही महीनों में इन पेय पदार्थो की खपत 12% घट गई।

आसान नहीं शक्कर पचाना
सॉफ्ट ड्रिंक के 240 मिलीलीटर के कैन में अमूमन 100 से 150 कैलोरी मौजूद होती है। फिटनेस विशेषज्ञों की मानें तो एक सामान्य वयस्क साइकिल से 22 मिनट में 10 से 12 मील की दूरी नापे, तब जाकर वह इतनी कैलोरी खर्च कर पाता है। वहीं, अगर व्यक्ति जॉगिंग करके या दौड़कर कैलोरी जलाना चाहता है तो उसे 8 मील प्रति घंटे की रफ्तार से 10 से 20 मिनट तक लगातार तेज कदमों से भागना होता है। जहां तक जिम जाकर वर्कआउट करने की बात है तो व्यक्ति लगातार 22 मिनट तक पुशअप और एयरोबिक एक्सरसाइज करे, तब जाकर उसके शरीर में 100 से 150 कैलोरी इस्तेमाल हो पाती है।

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