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MOVIE REVIEW: किस किस को प्यार करूं

फिल्म अपने पहले ही सीन से कॉमेडी के ट्रैक को कस कर पड़क ले उसे कपिल शर्मा की फिल्म कहते हैं। इस फिल्म के शुरु होने के चंद पलों बाद ये अहसास शायद आपको भी हो। मौजूदा दौर में टेलिविजन की दुनिया के...

MOVIE REVIEW: किस किस को प्यार करूं
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 25 Sep 2015 06:45 PM
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फिल्म अपने पहले ही सीन से कॉमेडी के ट्रैक को कस कर पड़क ले उसे कपिल शर्मा की फिल्म कहते हैं। इस फिल्म के शुरु होने के चंद पलों बाद ये अहसास शायद आपको भी हो। मौजूदा दौर में टेलिविजन की दुनिया के सुपरस्टार कपिल शर्मा की खासियत ही यही है कि वो किसी  सुपरफास्ट लग्जरी कार की तरह कुछ सेकेंड्स में ही 0 से 100 की स्पीड पकड़ लेते हैं। इस फिल्म के बारे में कुछ और बताने से पहले जरा एक नजर डाल लें इसकी कहानी पर जो बहुत सारे उतार-चढ़ाव और घुमाव भरी है।

ये कहानी है मुंबई में रहने वाले कुमार शिव राम कृष्ण (कपिल शर्मा) की, जिसकी एक 'हादसे' में एक के बाद एक तीन शादियां हो जाती हैं। कुमार को अपनी पहली शादी का शगुन अस्पताल में मिलता है, जब जूही (मंडरी फडणिस) का मरता हुआ पिता उसका हाथ कपिल के हाथों में केला और संतरा धरते हुए थमा देता है। दूसरी शादी में धोखे से दुल्हा बना दिया जाता है और पति बन जाता है सिमरन (सिमरन कौर मुंडी) का। उसकी तीसरी अंजलि (साईं लोकुर) से उसे इस लिए ब्याह रचाना पड़ता है, क्योंकि उसका भाई (अरबाज खान) एक डॉन है। अब आप समझ गये होंगे कि कुमार के लिए शादी 'हादसा' क्यों है। कुमार इन तीनों के साथ एक ही बिल्डिंग में रहता है। जूही के लिए वो शिव है, सिमरन के लिए राम और अंजलि के लिए कृष्ण।

अपने ही नामों के तीन टुकड़े करके वह हर एक के पास दो दिन बाद एक एक रात के लिए आता है। इस कहानी में एक नया ट्विस्ट आता है दीपिका (एली एवराम) के आने से जो उसका पहला और सच्चा प्यार है। कुमार, दीपिका से शादी करने वाला है। तीन बीवीयों और एक गर्लफ्रेंड के पचड़े में फंसी कुमार की जिंदगी में जुगड़ों की सीढि़यां बनाता है उसका दोस्त करण (वरुण शर्मा) जो पेशे से एक वकील है।

एक दिन कुमार का पिता (शरत सक्सेना) उसके घर आ जाता है, जिसे वह अंजलि के घर ठहरा देता है। इसके अगले दिन उसकी मां (सुप्रिया पाठक) भी आ जाती है, जिसे वह, जिसे वह जूही के घर में ठहरा देता है। ये मामला इसलिए पट जाता है, क्योंकि कुमार के माता-पिता के बीच 15 साल पहले तलाक हो गया था। उसके बाद से वह दोनों अलग-अलग रहे रहे थे, इसलिए उन्हें नहीं पता होता कि उसकी असली पत्नी कौन-सी है। लेकिन सारी आफत उस दिन आ जाती है, जब जूही और अंजति मां-बाबूजी को साथ-साथ देख लेती हैं। कुमार इस पचड़े को सुलझाने ही वाला होता है कि दीपिका से उसकी शादी का दिन आ जाता है। कहानी कुछ इस तरह से तीखा मोड़ लेती है कि कुमार, उसकी तीनों बीवीयां, उसका साला, दोस्त, माता-पिता को एक ही समय विवाह स्थल पर इकट्ठा होना पड़ जाता है। लेकिन इस सीन का क्लाईमैक्स भी कुमार ने ही लिखा है, इसलिए बात... इसके आगे कुछ भी कहा तो मजा किरकिरा है।

ये पूरी फिल्म सिर्फ और सिर्फ कपिल शर्मा की है। ठीक उनके शो की तरह। वो हर सीन में हैं। कॉमेडी भी उनके ही स्टाइल की है। छोटे-छोटे जोक्स हैं, लेकिन नए हैं। जोक्स में दोहराव न के बराबर है। एक के बाद कई सिचुएशंस ठहाका लगाने पर मजबूर कर देती हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि इससे तो कपिल शर्मा हीरो बन गये। ये बात ये पूरी तरह सच नहीं है।

कपिल शर्मा एस्प्रेशंस के मामले में कितने कच्चे लगे हैं, ये कई सीन्स में पता चलता है। खासतौर से भावनात्मक सीन्स में, जिन्हें निर्देशक ने काफी चतुराई से ढकने की कोशिश भी की है। उनका डांस भी बस काम चलाने लायक है। वो एक कॉमेडियन है, सो इस काम को उन्होंने ठीक से किया है। फिर भी फिल्म में अगर कुछ देखने लायक है तो वो है कपिल का अंदाज। गीत-संगीत बस चलताऊ ही है।  कुछ गीत ठूंसे गये लगते हैं। फिल्म में मॉल वाला सीन, बालकनी से कपड़े गिरने वाला सीन, जन्मदिन वाला सीन और क्लाईमैक्स जोरदार है, इसलिए इस वीकेंड आप कपिल के साथ टाइमपास कर सकते हैं।

रेटिंग: 3 स्टार
कलाकार: कपिल शर्मा, मंजरी फडणिस, सिमरन कौर मुंडी, साईं लोकुर, एली एवराम, अरबाज खान, वरुण शर्मा, सुप्रिया पाठक
निर्देशन: अब्बास-मस्तान

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