फोटो गैलरी

Hindi News3-डी मैपिंग से होगी ऐतिहासिक धरोहरों की रखवाली

3-डी मैपिंग से होगी ऐतिहासिक धरोहरों की रखवाली

मध्य-पूर्व एशिया में आईएस के बढ़ते आतंक के मद्देनजर पुरातत्वाविद वहां की ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने की कोशिशों में जुट गए हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से संबद्ध इंस्टीट्यूट फॉर डिजिटल आर्कियोलॉजी...

3-डी मैपिंग से होगी ऐतिहासिक धरोहरों की रखवाली
एजेंसीSat, 29 Aug 2015 04:12 PM
ऐप पर पढ़ें

मध्य-पूर्व एशिया में आईएस के बढ़ते आतंक के मद्देनजर पुरातत्वाविद वहां की ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने की कोशिशों में जुट गए हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से संबद्ध इंस्टीट्यूट फॉर डिजिटल आर्कियोलॉजी (आईडीए) ने यूनेस्को के साथ मिलकर इराक और सीरिया में स्थित ऐतिहासिक धरोहरों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

‘द इंडिपेंडेंट’ के मुताबिक आईडीए इराक और सीरिया में रह रहे चुनिंदा लोगों को 3-डी कैमरे से लैस करेगा। इन लोगों को प्राचीन इमारतों, मूर्तियों, कलाकृतियों और ऐतिहासिक दस्तावेजों की 3-डी तस्वीरें जुटाने का जिम्मा सौंपा जाएगा। इससे आईएस के हमले में नष्ट होने के बाद भी इन धरोहरों को मूल रूप में दोबारा सहेजना मुमकिन होगा।

अखबार की मानें तो आईडीए ने साल के अंत तक 50 लाख और 2017 आते-आते दो करोड़ तस्वीरों का डिजिटल संग्रह बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए स्थानीय लोगों को अलग-अलग कोण से बारीक और आकर्षक 3-डी तस्वीरें खींचने वाला विशेष कैमरा सौंपा जा रहा है, जिसके निर्माण पर 20 डॉलर (लगभग 1,200 रुपये) का खर्च आता है।

लुटेरों की धरपकड़ में मिलेगी मदद
 आईएस की ओर से दिए जाने वाले 3-डी कैमरे प्राचीन मूर्तियों और कलाकृतियों का जीपीएस डाटा व समय सहेजने में भी सक्षम होंगे। ऐसे में आईएस आतंकी या स्थानीय लुटेरे सीरिया और इराक में तोड़ी गई मूर्तियों या कलाकृतियों के अंश बेचने की कोशिश करेंगे तो उन्हें पकड़ना आसान हो जाएगा।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें