महिला IAS अधिकारी की आपबीती आपको झगझोर डालेगी
एक तरफ देश में महिलाओं को पुरुषों के समान दर्जा देने की बात की जाती है और दूसरी ओर आज भी कोर्ट जैसी सम्मानित जगह पर भी महिलाओं को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। ट्रेनी IAS ऑफिसर रिजू बाफना ने ऐसा...
एक तरफ देश में महिलाओं को पुरुषों के समान दर्जा देने की बात की जाती है और दूसरी ओर आज भी कोर्ट जैसी सम्मानित जगह पर भी महिलाओं को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। ट्रेनी IAS ऑफिसर रिजू बाफना ने ऐसा ही एक वाकया फेसबुक के जरिए शेयर किया है।
रिजू की इस पोस्ट को खूब शेयर किया गया और यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। रिजू ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि कोर्ट का अधिकारी मुझे न्याय दिलाने से ज्यादा इस बात में दिलचस्पी दिखा रहा था कि महिला होने के नाते समाज में मेरा दर्जा क्या है।
रिजू ने मध्य प्रदेश ह्यूमन राइट्स कमीशन अधिकारी के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था। जिसके बाद इसी केस के सिलसिले में उन्हें कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराना था. लेकिन कोर्ट में बयान दर्ज कराना रिजू के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था।
रिजू ने इस पूरी घटना को 4 अगस्त को फेसबुक के जरिए लोगों से शेयर किया। उन्होंने लिखा- 'जब मै अपना स्टेटमेंट दर्ज करवा रही थी तो ललित शर्मा नाम का एक वकील मेरे बगल में खड़ा था। वहां मौजूद और लोगों के साथ वह मेरा स्टेटमेंट सुन रहा था। मैंने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट से कहा कि बाकी लोगों को वहां से भेज दिया जाए क्योंकि मैं अपना बयान दर्ज कराने में असहज महसूस कर रही हूं।'
रिजू ने इसके बाद लिखा, 'ललित शर्मा मेरे ऊपर चिल्लाने लगा कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे यहां से जाने के लिए कहने की। मैं एक वकील हूं, तुम एक आईएएस ऑफिसर होगी लेकिन अपने दफ्तर में यहां नहीं। मैंने उसे कहा कि मुझे प्राइवेसी चाहिए एक आईएएस अधिकारी के तौर पर नहीं बल्कि एक महिला होने के नाते। वो मुझसे बहस करने लगा और आखिरकार वहां से चला गया।'
पढ़ें रिजू की पूरी फेसबुक पोस्ट-