Diwali Alert:पटाखों से निकलते हैं ये खतरनाक रसायन,ऐसे बचें
क्या आपको पता है कि एक पटाखा जलाने पर आठ प्रकार के रसायन व गैस निकलती हैं। ये सेहत के लिए हानिकारक हैं। विशेषकर बुजुर्गों, दमा के मरीजों और बच्चों के लिए। यही नहीं तेज शोर के कारण सुनने की क्षमता...
क्या आपको पता है कि एक पटाखा जलाने पर आठ प्रकार के रसायन व गैस निकलती हैं। ये सेहत के लिए हानिकारक हैं। विशेषकर बुजुर्गों, दमा के मरीजों और बच्चों के लिए।
यही नहीं तेज शोर के कारण सुनने की क्षमता स्थाई व अस्थाई तौर पर समाप्त हो सकती है। अभी बाजार में तेज आवाज वाले पटाखे बिक रहे हैं। इसलिए हैप्पी दिवाली के लिए ऐसे पटाखों से बचें। पर्यावरण को भी बचाएं।
मानकों वाले पटाखे ही खरीदें
निबंधित कंपनियां केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के मानकों पर आधारित पटाखे बनाती हैं। इन पटाखों के डिब्बों पर मानक लिखे होते हैं। ये पटाखे न अधिक ध्वनि पैदा करते हैं और न ही ज्यादा खतरनाक होते हैं। जिनके डिब्बे पर सीपीसीबी के मानक या नियम नहीं लिखे गए हों तो समझिए नकली हैं।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के मुताबिक पटना में एक भी रजिस्टर्ड कंपनी नहीं है। चोरी-छिपे पटाखे बनाने वाली कंपनियों के पैकेट पर पर्षद के मानक नहीं लिखे होते हैं। ऐसे पटाखे ज्यादा खतरनाक होते हैं। पर्षद दिवाली के दिन बोरिंग रोड चौराहे पर शाम छह बजे से रात 12 बजे तक ध्वनि व वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग करेगा। दो दिनों तक मॉनिटरिंग होगी।
पटाखों से निकलने वाले रसायन
केमिकल प्रभाव
कॉपर सांस लेने में परेशानी
कैडमियम किडनी रोग व एनिमिया
लेड अनिद्रा एवं चिड़चिड़ापन
मैग्नेशियम हिमोग्लोबीन को डैमेज करता है
सोडियम त्वचा को नुकसान पहुंचाता है
नाइट्रेट मानसिक बीमारी व डिप्रेशन का खतरा
नाइट्राइट इसकी अधिकता से कोमा में जाने का खतरा
इनसे बचें :
चटाई बम नहीं छोड़ें, अधिक आवाज वाले पटाखों से बचें
घर के बड़ों की देख-रेख में बच्चों को पटाखे छोड़ने चाहिए
पटाखे छोड़ने वाले स्थान पर एक बाल्टी पानी जरूर रखें
हाथ में लेकर पटाखे नहीं छोड़ें, मोमबत्ती का इस्तेमाल करें
अधजले पटाखों को दोबारा जलाने की कोशिश नहीं करें
पूरी बांह का सूती कपड़ा पहने, महिलाएं सिंथेटिक कपड़े न पहनें
घर की खिड़कियां व दरवाजे बंद रखें
दमा के मरीज अपने साथ इनहेलर जरूर रखें