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दिमाग हिल रहा है... नहीं जी इ तो फिर भूकंप है बाप

शनिवार को आए भूकंप, हल्के झटके और बिना झटके के भी झटके का एहसास। झटकों से दहशत। अफवाहों को मन से निकालने की कोशिश। इन सबके बीच रविवार को दोपहर में आवाज गूंजती है, फिर हिल रही है धरती। उसे जवाब मिलता...

दिमाग हिल रहा है... नहीं जी इ तो फिर भूकंप है बाप
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 26 Apr 2015 07:37 PM
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शनिवार को आए भूकंप, हल्के झटके और बिना झटके के भी झटके का एहसास। झटकों से दहशत। अफवाहों को मन से निकालने की कोशिश। इन सबके बीच रविवार को दोपहर में आवाज गूंजती है, फिर हिल रही है धरती। उसे जवाब मिलता है...तुम्हारा दिमाग हिल रहा है। बस दो पल के बाद धरती हिलने का एहसास। पहले हल्का, फिर जोरदार। इसके बाद दूसरी आवाज गूंजी, नहीं जी इ तो सच्चे भूकंप है बाप। फिर चीख-पुकार। भागो-भागो। निकलिए भाई। बाहर निकलिए। फिर भूकंप आ गया है। इ देखिए, दीवार धड़-धड़ कर रही है।

इसके बाद हर घर के आगे लोग जमा। कोई गंजी-लुंगी में तो कोई बिल्कुल अस्त-व्यस्त। कोई अपना फोन छोड़ बाहर निकला है। किसी के पांव में चप्पल नहीं। कोई कह रहा है, कल तो बताया था। किसी ने कहा, अफवाह भी बहुत फैलती है। तीसरे ने कहा, मगर इ बार तो सच्चे आ गया।

अब फोन की खोज। लीजिए, नेटवर्क फेल है। कोई बीएसएनएल को कोस रहा है। कोई दूसरी कंपनी के नेटवर्क को। जिनके पास व्हाट्एप है वह मैसेज देने में लग गये। कुछ देर के बाद फोन बात होनी शुरू हुई। फिर आया था। उधर से जवाब मिला, हां इधर भी आया है। सब ठीक तो है। जवाब में सवाल​ , ठीक तो है मगर फिर आवेगा का भाई। क्या बताएं, ऊपर वाले की मर्जी कौन जानता है। अक्सर लोगों को इस बात का दुख कि दुनिया में पाप बहुत बढ़ गया है। जिसे जो मंत्र-दुआ याद, उसे बुदबुदाता है। महिलाएं भी ऊपर वाले का शुक्र अदा करती हैं। बच्चे एक दूसरे को यह बताने में मशगूल कि हुआ क्या। चक्कर आया। गिलास गिर गया। बहुत डर लगा।

बात आगे बढ़ी। साइंटिस्ट लोग फेल हैं भाई। ऊपर वाले के आगे चलती है किसी की। यह तो चेतावनी है। नेपाल में तो दो हजार लोग मर गये। उत्तर बिहार में भी बहुत लोग मरे हैं। फिर एक संतोष। चलिए, यहां कुछ खास नहीं हुआ।

 

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