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चम्पारण में लहलहाएगी जैविक सब्जी की फसल

चम्पारण में अब जैविक खाद से सब्जी की खेती होगी। रासायनिक खाद की जगह किसान जैविक खाद से सब्जी उगाएंगे । इसके लिए राज्य सरकार ने पूर्वी चम्पारण जिले के लिए अर्बन इंसिएटिव वेजिटेबुल कलस्टर योजना लांच की...

चम्पारण में लहलहाएगी जैविक सब्जी की फसल
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 01 Mar 2017 11:24 PM
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चम्पारण में अब जैविक खाद से सब्जी की खेती होगी। रासायनिक खाद की जगह किसान जैविक खाद से सब्जी उगाएंगे । इसके लिए राज्य सरकार ने पूर्वी चम्पारण जिले के लिए अर्बन इंसिएटिव वेजिटेबुल कलस्टर योजना लांच की है। इस योजना के तहत जैविक सब्जी की खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ाने के लिए अनुदान का लाभ मिलेगा। जिला उद्यान विभाग ने प्रखंडवार लक्ष्य निर्धारित कर किसानों को इस योजना से लाभान्वित कराने की कवायद शुरू कर दी है।

खुला परागन व हाइब्रिड सब्जी की होगी खेती:इस योजना के तहत किसान खुला परागन व हाइब्रिड सब्जी का बीज लगायेंगे। दोनों तरह की योजना पर राज्य सरकार किसानों को अनुदान देगी। किसानों की आय बढ़ाने के लिए इस योजना को मूर्त्त रुप देने का कार्य शुरू किया गया है।

किसानों को मिलेगा 75 प्रतिशत अनुदानखुला परागन की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर किसानों को 30 हजार रुपये लागत पर 75 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। यानि इसके लिए किसान को एक हेक्टेयर सब्जी की खेती के लिए मात्र 7500 रुपये खर्च करने होंगे। जबकि उनके खाते में 22 हजार 500 रुपये अनुदान की राशि भेजी जाएगी। हाइब्रिड सब्जी की खेती पर प्रति हेक्टेयर 45 हजार रुपये लागत पर 75 प्रतिशत अनुदान का लाभ मिलेगा। इसकी खेती करने पर किसान को मात्र 11 हजार 250 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। विभाग द्वारा उनके खाते में 33 हजार 750 रुपये भेजी जाएगी।

गरमा सीजन में होगी इन सब्जियों की खेती:गरमा सीजन में हरी हरी सब्जियां उगायी जाएंगी। इसमें भिंडी, झिंगुनी, खीरा, कद्दू, करैला, प्याज , टमाटर आदि शामिल हैं। किसान इस सब्जी की खेती कर अपनी आय बढ़ा सकेंगे।

बढ़ेगी जैविक सब्जी की डिमांड: जैविक सब्जी का उत्पादन शुरू होने पर इसमी मांग बाजारों में अधिक होगी। किसान दूसरे राज्यों में भी सब्जी की मार्केटिंग कर सकेंगे। बाजार में इन सब्जियों के पहुंचने पर रासायनिक खाद से उत्पादित सब्जियों के प्रति ग्राहकों में रुझान कम होगा।

जैविक सब्जी की खेती की व्यापक संभावना: जैविक सब्जी की खेती की जिले में अपार संभावनाएं है। खासकर तुरकौलिया, पिपराकोठी, हरसिद्धि, घोड़ासहन, चकिया, पहाड़पुर, केसरिया सहित अन्य प्रखंडों में सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर किसान करते हैं।

कहते हैं अधिकारी:जिला उद्यान विभाग के सहायक निदेशक अजीत कुमार शरण ने बताया कि जिले के किसानों के लिए राज्य सरकार द्वारा योजना लांच की गयी है।

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