फोटो गैलरी

Hindi Newsहम भावनाओं से नहीं खेलते: नीतीश

हम भावनाओं से नहीं खेलते: नीतीश

सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे काम में विश्वास करते हैं। लोगों की भावनाओं से नहीं खेलते। देश में भावनाओं से खेलने का जो अभी माहौल बना हुआ है, वह बड़ा खतरनाक है। उन्होंने देश के विभिन्न...

हम भावनाओं से नहीं खेलते: नीतीश
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 23 Mar 2017 11:36 PM
ऐप पर पढ़ें

सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे काम में विश्वास करते हैं। लोगों की भावनाओं से नहीं खेलते। देश में भावनाओं से खेलने का जो अभी माहौल बना हुआ है, वह बड़ा खतरनाक है। उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये गांधीवादी विचारकों से देशहित में कार्यक्रम तय करने का अनुरोध किया।

वे गुरुवार को एमएस कॉलेज के परिसर में आयोजित चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के मौके पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि चंपारण सत्याग्रह का सौवां वर्ष चल रहा है। ऐसे में सर्व सेवा संघ के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में शरीक होना सुखद अनुभूति है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने उस समय चंपारण में आकर निलहों के लिये लड़ाई लड़ी थी। सत्याग्रह किया, जो पूरे देश में चलने वाले आंदोलन का आधार बना। लेकिन, आज सोचने की जरूरत है कि आज के परिप्रेक्ष्य में क्या होना चाहिये। वे विचार सिर्फ मानस में ही नहीं रहें, बल्कि कार्यरूप में कैसे उतारा जाय। उन्होंने कहा कि वे अपने स्तर से यह कोशिश कर रहे हैं कि हर किशोर-किशोरी तक उनके विचार पहुंचें। इसके लिए गांधी जी के विचारों को लेकर घर-घर तक दस्तक दी जाएगी। श्रव्य और दृश्य दोनों माध्यमों से उनके विचार लोगों तक पहुचायेंगे।

गांधी दर्शन के प्रति लोगों में संवेदना जगायेंगे। स्कूलों में प्रार्थना के बाद गांधी जी के आदर्शों से जुड़े पाठ छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्मृति यात्रा 15 अप्रैल से महात्मा गांधी से जुड़े स्थलों का भ्रमण करेगी। इन स्थलों का विकास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अब कोई संगोष्ठी आयोजित हो, तो उसका मकसद चर्चा करना मात्र नहीं हो। पटना में वे जो राष्ट्रीय विमर्श आयोजित कर रहे हैं, उसमें भी देश भर के गांधीवादी विचारक अपनी बात रखेंगे। इसमें भी यह प्रयास होगा कि उस विमर्श का भी कोई निष्कर्ष निकले। इसमें उन्होंने उपस्थित गांधीवादियों को आमंत्रित किया। धन्यवाद ज्ञापन एमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हरिनारायण ठाकुर ने किया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें