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सत्याग्रह शताब्दी समारोह का अनौपचारिक रूप से हुआ शंखनाद

-मोतिहारी के एमएस कॉलेज में सीएम ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन-देश के प्रमुख गांधीवादी व चिंतक कार्यक्रम में हुए शामिलवैसे तो चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सरकारी स्तर पर...

सत्याग्रह शताब्दी समारोह का अनौपचारिक रूप से हुआ शंखनाद
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 23 Mar 2017 07:36 PM
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-मोतिहारी के एमएस कॉलेज में सीएम ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन

-देश के प्रमुख गांधीवादी व चिंतक कार्यक्रम में हुए शामिल

वैसे तो चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सरकारी स्तर पर कार्यक्रम 10 अप्रैल से शुरू होने हैं। लेकिन, एमएस कॉलेज के मैदान में गुरुवार से आयोजित सत्याग्रह शताब्दी सम्मेलन से इसका अनौपचारिक रूप से शंखनाद हो गया। कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से पहुंचे नामी-गिरामी गांधीवादियों की उपस्थिति से यह बखूबी परिलक्षित हो रहा था। बापू के प्र पौत्र तुषार गांधी, मेधा पाटकर, डॉ. एसएन सुब्बा राव, स्वामी अग्निवेश, जल पुरुष के रूप में चर्चित डॉ. राजेन्द्र सिंह, सीबी राजगोपाल, आदित्य पटनायक, डॉ. रामजी सिंह, गीता महादेव, टीआरएन प्रभु, जयंत दिवांग, पूर्व मंत्री ब्रज किशोर सिंह जैसी शख्सियतें मंच पर थीं। खुद सीएम नीतीश कुमार ने मौके को देखते हुए सत्याग्रह शताब्दी वर्ष को लेकर कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की।

सीएम ने गांधीवादियों को पटना में 10 अप्रैल को अयोजित गांधी जी के विचार पर आयोजित राष्ट्रीय विमर्श में आने का न्योता दिया, ताकि राष्ट्रीय संदर्भ में कार्ययोजना बनायी जा सके। इस दौरान गांधीवादियों ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गांधीवादी विचारधारा की प्रासंगिकता पर विस्तृत रूप से चर्चा की। राष्ट्रीय व अं तरराष्ट्रीय स्तर पर हिंसक प्रवृत्ति की ओर भी ध्यान खींचा। गरीबी-अमीरी की खाई को पाटने पर जोर दिया। खुद गांधी जी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी के पूर्ण स्वराज का ख्वाब अभी भी अधूरा है। उनके अनुसार देश में गरीबी व अमीरी के बीच खाई बढ़ती जा रही है, जो कि देश की एकता व अस्तित्व के लिए ख तरा साबित हो सकती है। इसके लिए सिर्फ सरकार नहीं लड़ सकती, बल्कि गांधीवादी तरीके से सबका प्रयास जरूरी है। मेधा पाटेकर ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह भूमि के मुद्दे पर हुआ था। देश में जो भूमि अधिग्रहण की नीति है, वह विद्रूप हो चुकी है। गांधीवादी एसएन सुब्बा राव ने गीतों के माध्यम से राष्ट्रभक्ि त का संदेश प्रवाहित किया। अन्य वक्ताओं ने भी लोगों को अपने जीवन में गांधी जी के आदर्शों को अपनाने पर बल दिया। उल्लेखनीय है कि 23 व 24 मार्च को पब्लिक सेशन होगा। जबकि 25 मार्च को अधिवेशन का आयोजन होगा। इसमें 23 राज्यों के लगभग डेढ़ हजार गांधीवादी भाग ले रहे हैं।

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