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नोटबंदी को छह महीने.... एटीएम पर मिली तो सिर्फ ठंडी हवा

एसबीआई मुख्य शाखा पर एक छोड़कर पांच एटीएम मशीनें। दोपहर के डेढ़ बजे। तपती धूप में कैश निकासी के लिए एटीएम पर पहुंचे लोगों को एसी की ठंडी हवा ने सुकून का एहसास कराया, लेकिन यह पल भर में ही गायब हो...

नोटबंदी को छह महीने.... एटीएम पर मिली तो सिर्फ ठंडी हवा
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 08 May 2017 08:40 PM
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एसबीआई मुख्य शाखा पर एक छोड़कर पांच एटीएम मशीनें। दोपहर के डेढ़ बजे। तपती धूप में कैश निकासी के लिए एटीएम पर पहुंचे लोगों को एसी की ठंडी हवा ने सुकून का एहसास कराया, लेकिन यह पल भर में ही गायब हो गया। क्योंकि, एटीएम में कैश नहीं था। पास ही लगी डिपॉजिट मशीन में कैश जमा तो हो रहा था, लेकिन निकासी नहीं हो रही थी। पीएसी स्थित एसबीआई की दोनों एटीएम मशीनों का शटर ही बंद था। रामगंगा विहार में पीएनबी की ब्रांच पर स्थित एटीएम में दोपहर को कैश नहीं था। शहर के ज्यादातर एटीएम का यही हाल था। सोमवार को नोटबंदी को छह महीने पूरे हो गए। आधा साल गुजर जाने के बाद भी कैश की समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हुई बल्कि शहर के लोग इसे बढ़ती हुई ही महसूस कर रहे हैं। आशियाना में रहने वाले केजीके डिग्री कॉलेज के शिक्षक डॉ.गिरीश पांडेय ने कहा कि तमाम एटीएम बंद पड़े हैं। किसी एटीएम में कैश मिलने की गारंटी नहीं है। लाइनपार में रहने वाले पब्लिक स्कूल के शिक्षक जितेंद्र प्रकाश ने कहा कि एटीएम में कैश मिलेगा या नहीं इसका कोई भरोसा नहीं रह गया है इसलिए ब्रांच में जाकर ही विदड्रॉल कर रहे हैं। शर्त:: एटीएम में चाहिए पैसा तो बैंक में खूब जमा कराएं कैश एचडीएफसी बैंक के कैश काउंटर पर कुछ ग्राहकों ने निकासी में बड़े नोट मिलने पर नाराजगी जताई तो स्टाफ ने लोगों की तरफ से डिपॉजिट में सिर्फ छोटे नोट ही जमा किए जाने हवाला दिया। एक व्यापारी की तरफ से चालू खाते में पचास लाख रुपए जमा करने के लिए दस दस के नोटों के रूप में देने का जिक्र किया। एसबीआई रीजनल दफ्तर में एटीएम प्रभारी नीरज ने बताया कि आरबीआई से कैश नहीं मिल रहा है। लोगों की तरफ से जो डिपॉजिट किया जा रहा है उसी से ही कैश उपलब्ध कराया जा पा रहा है। एसबीआई गांधीनगर ब्रांच, इलाहाबाद बैंक सिविल लाइन ब्रांच के मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि लोग डिपॉजिट में बड़े नोट नहीं ला रहे हैं। जिससे एटीएम में कैश लोडिंग नहीं हो पा रही है। दस, बीस और पचास के नोट ही जमा कराए जा रहे हैं। जोकि एटीएम में लोड नहीं किए जा सकते। सुरक्षा कारणों से बंद कर दिए कुछ एटीएम के शटर एक तरफ, बैंकों की तरफ से एटीएम मशीनों को संपूर्ण बैंकिंग के माध्यम के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है। फंड ट्रांसफर, फोन, बिजली का बिल जमा करने आदि के साथ ही एटीएम मशीन से ऑनलाइन बैंकिंग भी संभव है, लेकिन तमाम एटीएम पर शटर ही गिरे होने से लोग इसका लाभ उठाने से वंचित हैं। बैंक अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर इसके समर्थन में तर्क दिया। कहा कि कैश नहीं मिलने के कारण एटीएम मशीनों पर तोड़फोड़ की आशंका के मद्देनजर शटर गिराना पड़ रहा है। अब दौड़ने लगी आधार नंबर वाली मशीन सरकार का मोबाइल फोन से लेनदेन पर ज्यादा जोर है। इसी को देखते हुए बैंकों ने दुकानों पर आधार नंबर वाली मशीन लगाना शुरू किया है। पीएनबी के मार्केटिंग मैनेजर मुकुल गुप्ता ने बताया कि इस मशीन से लेनदेन के लिए विक्रेता और ग्राहक दोनों के पास आधार नंबर होना जरूरी है। खरीदारी करने पर रकम ग्राहक के खाते में से विक्रेता के खाते में पहुंच जाएगी।

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