मिर्जापुर : दिव्यांग नवदंपती के गृह प्रवेश में खालनायक बनी पुलिस
पड़ोसी जिले के भदोही के चौरी थाना क्षेत्र के ममहरा गांव में दिव्यांग नव विवाहित जोड़े के गृह प्रवेश में रविवार को मिर्जापुर जिले के कछवां थाने की पुलिस खलनायक बन गई। एक बच्चे के मामूली रूप से चोटिल...
पड़ोसी जिले के भदोही के चौरी थाना क्षेत्र के ममहरा गांव में दिव्यांग नव विवाहित जोड़े के गृह प्रवेश में रविवार को मिर्जापुर जिले के कछवां थाने की पुलिस खलनायक बन गई। एक बच्चे के मामूली रूप से चोटिल होने के बाद पुलिस ने दूल्हे के पिता सहित चार बारातियों को चौबीस घंटे तक दुल्हन के सामान के साथ थाने में बैठा दिया। पुलिस का कहना था कि बच्चे को चोटिल करने वाली गाड़ी को यहां मंगवाने के बाद ही छोड़ेंगे। बराती गाड़ी का नंबर,पता देते रहे और खुद को छोड़ने की मिन्नत करते रहे लेकिन पुलिसिया दिल नहीं पसीज पाया।
ममहरा गांव के नंदलाल गुप्ता के दिव्यांग पुत्र की बारात शनिवार की रात में चुनार कोतवाली के मेड़ीपुर में पुनवासी गुप्ता के यहां आयी थी। पुनवासी की भी पुत्री दिव्यांग है। धूमधाम से शादी होने के बाद सुबह दूल्हा और दुल्हन की विदायी हुई। टाटा सूमों में सवार नव दंपती जीवन की कल्पनाओं के सागर में गोता लगाते ममहरा के लिए चले। कछवां थाना क्षेत्र के बजरडीहा गांव के समीप वाहन से एक बच्चे को चोट लग गई। इसके बाद चालक दूल्हा,दुल्हन, दो बच्चों और एक वृद्ध को सामान सहित वहीं उतार कर भाग गया। दिव्यांगों ने घटना की सूचना परिजनों को दी। पीछे दूसरी गाड़ी में आ रहे पिता नंदलाल ने बेटे और बहू को अपनी गाड़ी से घर भेज दिया। सामान को लेकर वे बराती भग्गू गुप्ता, मनोज और दस वर्ष के बच्चे भोनू के साथ सड़क पर खड़ होकर बरात की तीसरी गाड़ी के आने का इंतजार कर रहे थे।
इसी बीच कछवां थाने की पुलिस पहुंची और चारों को सामान सहित थाने ले आयी और पूरे दिन और पूरी रात बैठाया रखा। पुलिस एक ही रट लगाए रही कि जब तक गाड़ी को नहीं बुलवाते बराती और सामान नहीं जाएगी। चूंकि बहू का सामान थाने में था इसलिए उसका गृह प्रवेश नहीं हो सका। रिश्तेदारों को भोजन नहीं मिल पाया। रिश्तेदार और परिवार के सदस्य परेशान रहे लेकिन पुलिस का कलेजा नहीं पसीजा। सोमवार की सुबह पता करने पर थाने के दिवान ने बताया कि देर रात बरातियों को सामान सहित छोड़ दिया गया था।
थाने पर रात दूल्हा की मां को भगा दिया गया
मिर्जापुर। पूरे दिन के प्रयास के बाद भी पुलिस ने जब बरातियों को सामान सहित नहीं छोड़ा तो रात में नौ बजे दूल्हे की मां मीरा देवी किराए की टेम्पो लेकर थाने पहुंची। उसने भी पुलिसकर्मियों से मिन्नत किया और सारी समस्या को बताया। लेकिन पुलिस ने उसे भी भगा दिया। इससे पूरे परिवार की खुशी मायूसी में बदल गई।
पुलिस ने गाड़ी पकड़ने के बजाय बराती पकड़ लिया
मिर्जापुर। कछवां थाना की पुलिस भी खूब है। दुर्घटना करने वाली गाड़ी को पकड़ने के बजाय उसमें बैठे बरातियों को पकड़कर खानापूर्ति कर लिया। उनके नंबर, पता सब बताने के बाद भी पुलिस वहां तक नहीं पहुंची। आए दिन हो रही छिनैती और चोरी की घटनाओं में भी पुलिस की यही कहानी है। पुलिस खुद प्रयास करने के बजाय पीड़ित पक्ष से ही घटना का खुलासा करने की अपेक्षा कर रही है।