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बिजनौर, मुजफ्फरनगर में दिखाई देगा एक सींग वाला गैंडा

दुनियाभर में विलुप्त हो रहे एक सींग वाला गैंडा जल्द ही बिजनौर और मुजफ्फरनगर की धरती पर देखा जा सकेगा। गेंडा का अस्तित्व बचाने और उसे संवारने के लिये गंगा किनारे दोनों जिलों के बीच का क्षेत्र इसके लिए...

बिजनौर, मुजफ्फरनगर में दिखाई देगा एक सींग वाला गैंडा
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 02 Dec 2016 10:30 PM
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दुनियाभर में विलुप्त हो रहे एक सींग वाला गैंडा जल्द ही बिजनौर और मुजफ्फरनगर की धरती पर देखा जा सकेगा। गेंडा का अस्तित्व बचाने और उसे संवारने के लिये गंगा किनारे दोनों जिलों के बीच का क्षेत्र इसके लिए पूरी तरह अनुकूल माना जा रहा है। इसे लेकर वन विभाग और वाईल्ड लाइफ विशेषज्ञों ने सर्वे कर करीब 80 वर्ग हेक्टेयर चिन्हित किया गया है।

गेंडे को लेकर बिजनौर जिले के रावली तटबंध से लेकर बैराज और मुजफ्फरनगर जनपद के शुक्रताल के बीच का जंगल चुना गया है। बिजनौर डीएफओ एम सेम्मरान के मुताबिक मेरठ वन संरक्षक मुकेश को इस योजना का नोडल अफसर चुना गया है। योजना के प्रस्ताव को लेकर सहारनपुर वन संरक्षक, मुजफ्फरनगर डीएफ संजीव कुमार के साथ डब्ल्यूडब्ल्यूएफ से अमित गुप्ता के साथ कई अधिकारियों ने गेंडा को गंगा किनारे छोड़ने और उसके लिये पर्याप्त घास लगाने का निर्णय लिया है। वन अफसरों के मुताबिक यूपी के दुघवा पार्क में ही करीब चार दर्जन गेंडा बताए गए है, जिन्हे बढ़ाने के लिये सरकार ने योजना चलाई है, इसमे गंगा किनारे के साथ ही मुजफ्फरनगर की दिशा खोले गेंडे के रहने के लिये अनुकूल माने गए हैं, जल्दी ही यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।

250 साल पहले यहां थे गैंडे

बिजनौर डीएफओ एम सेम्मरान ने बताया कि रिकॉर्ड के मुताबिक गेंडे को ऊचे-नीचे रेत के टीले और पर्याप्त पानी की जरुरत होती है, जिसके लिये गंगा किनारे खोले और बिजनौर की दिशा का जंगल अनुकूल है। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे इसी क्षेत्र में करीब 250 साल पहले भी गेंडे पाए जाते थे, लेकिन जीव तस्करों और दूसरी लापरवाही के कारण गेंडे यहां से खत्म हो गए। वर्तमान में यूपी के दुधवा पार्क में करीब चार दर्ज गेंडे बताए जाते हैं।

असम के जंगलों देश में सबसे अधिक गैंडे

अफसरों की मानें तो दुनिया में पांच प्रजाति में से दो अफ्रीका और तीन दशिया में गेंडे पाए जाते हैं। गेंडा एक समय पहले भारत के साथ ही पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त से लेकर नेपाल और म्यांमार में पाया जाता था, जो अब भारत के असम काजीरंगा नेशनल पार्क में 430 वर्ग किलोमीटर में फैले जंगल में सिमट चुका है। असम में करीब 1700 गैंडे बताए जाते है, असम के जंगलों में 70 फीसदी बताए जाते हैं। कई देशों में गेंडे सिर्फ चिड़ियाघरों में ही देखे जा सकते हैं।

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