दलित समाज के लोगों ने किया देवी-देवताओं के चित्रों का विर्सजन
दलित समाज के लोगों ने अब अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए नया रास्ता अपनाया है। गुरुवार को दलित समाज के अनेक लोगों ने शासन और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए देवी-देवताओं के चित्रों और प्रतिमाओं का...
दलित समाज के लोगों ने अब अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए नया रास्ता अपनाया है। गुरुवार को दलित समाज के अनेक लोगों ने शासन और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए देवी-देवताओं के चित्रों और प्रतिमाओं का विसर्जन बड़ी नहर में कर दिया। यहां पर उन्होंने 180 परिवारों के हिन्दू धर्म छोड़ने का दावा किया है।
इनका कहना था कि दलित समाज का उत्पीड़न हो रहा है और भीम आर्मी के खिलाफ हो रही कार्रवाई भी गलत है, जिसके विरोध स्वरूप वह हिन्दू धर्म छोड़ रहे हैं। क्षेत्र के गांव रुपड़ी, कपूरपुर, ईघरी, उनाली और बाढ़ी माजरा के दलित परिवारों के अनेक लोग गुरुवार को मानकमऊ पर स्थित बड़ी नहर के छठ पूजा घाट पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
इन लोगों का कहना था का सहारनपुर में हुई हिंसा के मामले में भीम आर्मी और दलित समाज के लोगों के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है, उससे वह काफी निराश हैं और पूरे समाज में इसको लेकर जबरदस्त आक्रोश है। भीम आर्मी के लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। दलित समाज के लोगों का उत्पीड़न हो रहा है। हमारी गिनती हिन्दुओं में होती है, लेकिन कोई सुविधा नहीं मिलती। उनके द्वारा हिन्दू धर्म त्यागने का भी ऐलान किया गया।इस प्रदर्शन में रेशमा, सुदेश, पुष्पा, परमिला, सोनी, सुनीता, अंतरेषो, मुन्नी, मुनेश, ईसम, डा बलराम, नरेन्द्र, रोहित, लोकेश, विजय, रजनीश, कुलदीप, नरेन्द्र गौतम, रजनीश गौतम आदि प्रमुख रुप से शामिल थे।
मामले को मोड़ने का असफल प्रयास
एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे ने कहा कि जिन गांवों के लोगों ने यह प्रदर्शन किया है, इनके कुछ युवा पथराव और आगजनी के मुकदमे में नामजद हैं। उनकी गिरफ्तारी न हो इसलिए उन्होंने मामले को मोड़ने के लिए यह असफल प्रयास किया है। लेकिन सहारनपुर का माहौल बिगाड़ने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। किसी भी तरह के अनुचित दबाव से पुलिस कार्रवाई प्रभावित नहीं होगी।
दावा 180 परिवारों का, लोग 50 भी नहीं
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दावा किया है कि 180 परिवार हिन्दू धर्म छोड़ रहे हैं। लेकिन मौके पर जमा लोगों की संख्या 50 से अधिक नहीं थी। इस संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बाकी लोग गांवों में ही रह गए हैं। लेकिन परिवारों की संख्या 180 से कम नहीं है।
हिन्दू धर्म छोड़ा, बौद्ध धर्म की ओर झुकाव
हिन्दू धर्म छोड़ने का ऐलान करने वाले इन परिवारों से जब पूछा गया कि उन्होंने अब कौन सा धर्म अपनाया है तो इस पर वह खुलकर नहीं बोले। लेकिन इस प्रदर्शन में ही शामिल कुछ लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाने की घोषणा कर अपने इरादे जता दिए कि इन परिवारों में से अधिकांश लोग बौद्ध धर्म अपनाने जा रहे हैं।