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नक्सली हमला : शेर बोला, मां तू चिंता ना कर मैं ठीक हूँ

‘मां तू चिंता ना कर मैं ठीक हूँ। इन शब्दों को सुनकर 80 वर्षीय मां के कलेजे को अपार ठंडक मिली। छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में घायल गुलावठी के ग्राम आसिफाबाद चंदपुरा निवासी शेर मोहम्मद ने...

नक्सली हमला : शेर बोला, मां तू चिंता ना कर मैं ठीक हूँ
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 25 Apr 2017 08:20 PM
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‘मां तू चिंता ना कर मैं ठीक हूँ। इन शब्दों को सुनकर 80 वर्षीय मां के कलेजे को अपार ठंडक मिली। छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में घायल गुलावठी के ग्राम आसिफाबाद चंदपुरा निवासी शेर मोहम्मद ने मंगलवार की सुबह 10:20 बजे अपनी मां फरीदन बेगम से फोन पर बात की। अपने जिगर के टुकड़े से बात करने के बाद फरीदन बेगम के मुंह से निकला-‘अल्लाह तेरा लाख-लाख शुक्र है।

छत्तीसगढ़ के सुकमा में सोमवार को हुए नक्सली हमले में गुलावठी के ग्राम आसिफाबाद चंदपुरा निवासी शेर मोहम्मद घायल हो गया था। परिजनों के अनुसार शेर मोहम्मद को आठ गोली लगी हैं। उसका उपचार दिल्ली के अस्पताल में चल रहा है।

सोमवार की शाम जैसे ही गांव में परिजनों को शेर मोहम्मद के घायल होने की सूचना मिली तो सभी कांप उठे। शेर मोहम्मद की सलामती के लिए दुआएं करने लगे। वृद्ध मां फरीदन बेगम ने अपने लाडले की सलामती को दुआ मांगी। मंगलवार की सुबह 10.20 बजे अस्पताल में भर्ती शेर मोहम्मद ने अपनी मां से बात की। बेटे का फोन सुनकर मां की आंखों से आंसू गिरने लगे। साहसी सपूत शेर मोहम्मद ने अपनी मां की हिम्मत बंधाते हुए कहा ‘मां तू चिंता ना कर मैं ठीक हूँ। मेरा ऑपरेशन हो गया है, मेरे शरीर से गोलियां निकल गई हैं। शेर मोहम्मद ने अस्पताल से छुट्टी मिलने पर सबसे पहले मां से मिलने गांव आने की बात कही। इतना सुनकर फरीदन बेगम की आंख से आंसू गिरते रहे। मां-बेटे की बातचीत सुनकर आस-पड़ौस के लोग भी अल्लाह का शुक्रगुजार करने लगे। इश्तहार अली चौहान ने बताया कि गांव की मस्जिद में लोग दुआ कर रहे हैं।

हर रोज करता था मां से फोन पर बात

शेर मोहम्मद की मां फरीदन बेगम ने बताया कि उनका बेटा रोजाना फोन पर राजी-खुशी पूछता था। मां से पूछता था खाना खाया या नहीं। खाने में क्या खाया। कोई परेशानी तो नहीं। मगर, सोमवार को शेर मोहम्मद को फोन नहीं आया था। शेर मोहम्मद अक्सर सुबह के वक्त फोन करता था। सोमवार की शाम को शेर मोहम्मद के घायल होने की खबर आ गई। मासूम बेटे को लेकर पत्नी अस्पताल पहुंची शेर मोहम्मद की पत्नी गुलिस्तां अपने मायके में किठौर क्षेत्र के ग्राम बादली में थी। पति के घायल होने की सूचना मिलते ही गुलिस्तां अपने ढाई साल के पुत्र सोहेल को लेकर दिल्ली अस्पताल पहुंच गई। तीन भाइयों में सबसे छोटा है शेर मोहम्मद शेर मोहम्मद के तीन भाई और चार बहन हैं। शेर मोहम्मद अपने भाइयों में सबसे छोटा है। शेर मोहम्मद के पिता नूर मोहम्मद भी फौज में थे। शेर मोहम्मद के चाचा भी फौज में हैं। भाई बाहर रहते हैं। भाई के घायल होने की खबर पाकर बहन मुन्नी गांव मां से मिलने पहुंची।

छत्तीसगढ़ में साढ़े चार साल से तैनात है शेर

सीआरपीएफ में भर्ती होने के बाद शेर मोहम्मद ने ट्रेनिंग सूरजपुर में की थी। उसके बाद तीन साल जम्मू-कश्मीर में तैनात रहा। पिछले साढ़े चार साल से छत्तीसगढ़ में तैनात है।

बुलेट प्रूफ जैकेट पहनने से बची शेर मोहम्मद की जान

छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में घायल बुलंदशहर के लाल शेर मोहम्मद ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखी है। इसी के चलते उसकी जान बच सकी। फिलहाल शेर मोहम्मद का दिल्ली अस्पताल में उपचार चल रहा है। गांव के 50 प्रतिशत लोग फौज में आसिफाबाद चंदपुरा गांव के अधिकांश लोग फौज में हैं। ग्रामीण नासिर ने बताया कि गांव के लोगों में देशभक्ति का जबरदस्त जज्बा है। गांव के नौजवानों की पहली पसंद सेना में भर्ती होना है।

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