'अर्थ आवर डे' पर दिखी लोगों में बिजली बचाने की ललक
मेरठ। वरिष्ठ संवाददाताकुदरत के कहर से धरती को बचाने के लिए शनिवार को एक घंटे के लिए कुछ व्यापारियों और विभिन्न संगठनों के जुड़े लोगों ने बत्ती बंद रखी और क्लाइमेट चेंज से होने वाली तबाही को रोकने के...
मेरठ। वरिष्ठ संवाददाता
कुदरत के कहर से धरती को बचाने के लिए शनिवार को एक घंटे के लिए कुछ व्यापारियों और विभिन्न संगठनों के जुड़े लोगों ने बत्ती बंद रखी और क्लाइमेट चेंज से होने वाली तबाही को रोकने के लिए अर्थ आवर डे मनाया। बिजली की बर्बादी रोकने का संकल्प लिया।
शनिवार को शहर के कुछ इलाको में 'अर्थ आवर डे' मनाया गया। रात 8:30 बजे से लेकर 9:30 बजे तक कुछ जागरूक लोगों ने घरों की गैर जरूरी लाइटें और उपकरण बंद रखे। इस मुहिम का आबूलेन पर व्यापारी हिस्सा बने। कुछ व्यापारियों ने तो सांकेतिक तौर पर लाइट बंद कर मोमबत्ती जलाई।
वहीं, शास्त्रीनगर, जागृति विहार, अजंता कॉलोनी, रोहटा रोड, टीपीनगर, दिल्ली रोड, सूरजकुंड, रजबन बाजार, गोलाकुआं, हापुड़ अड्डा, बच्चा पार्क, बेगमपुल, पीएल शर्मा रोड आदि इलाकों में जागरूक लोगों ने घरों, दुकानों और इमारतों की बत्तियां बंदकर ऊर्जा सरंक्षण का संदेश दिया। अधीक्षण अभियंता शहर राकेश राणा और नीर फाउंडेशन के निदेशक रमन त्यागी, जनहित फाउंडेशन की निदेशका अनीता राणा ने बताया कि शनिवार को बिजली बचाओ आयोजन के रूप में अर्थ आवर डे मनाया।
अर्थ आवर डे
अर्थ आवर डे की शुरुआत वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर द्वारा शुरू की गई थी। पहली बार इसे साल 2007 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में मनाया गया। इसमें लोगों से सारी लाइटें 60 मिनट के लिए बंद करने की अपील की गई। धीरे-धीरे इसे विश्वभर में अपनाया जाने लगा।
................
ऊर्जा बचत की दृष्टि से अर्थ-आवर डे का जो लोग हिस्सा बने उनका प्रयास सराहनीय है। अन्य लोगों को भी बिजली की बर्बादी रोकने को आगे आना चाहिए -अभिषेक प्रकाश, प्रबंध निदेशक पीवीवीएनएल