कैराना में मीट प्लांट पर प्रशासन ने लगाई सील
प्रदेश में भाजपा की नयी सरकार के बूचड़खानों के प्रति कड़े रुख को देखते हुए शुक्रवार को कैराना में स्थित मीट प्लांट मीम एग्रो फूडस प्राइवेअ लिमिटेड पर तालाबंदी कर ही दी गई। जांच के दौरान फैक्ट्री संचालन...
प्रदेश में भाजपा की नयी सरकार के बूचड़खानों के प्रति कड़े रुख को देखते हुए शुक्रवार को कैराना में स्थित मीट प्लांट मीम एग्रो फूडस प्राइवेअ लिमिटेड पर तालाबंदी कर ही दी गई। जांच के दौरान फैक्ट्री संचालन में मिली अनियमितताओं पर एसडीएम के नेतृत्व में भारी पुलिस बल के साथ मीट प्लांट के चारों दरवाजों पर ताले लगा सील कर दिया गया। फैक्ट्री में अवैध कटान से लेकर वायु एवं जल प्रदूषण के चलते बीमारियों फैलने की शिकायतों के चलते प्रशासन ने इसकी जांच की थी।
शुक्रवार की शाम करीब पांच एसडीएम ऊन के नेतृत्व में गठित प्रशासनिक-पुलिस टीम ने नगर के कांधला रोड पर स्थित मीम एग्रो फूड्स प्राइवेट लिमिटेड नामी मीट फैक्ट्री में छापामारी की। फैक्ट्री में भारी अनियमितता पाई गई, जिसके चलते एसडीएम ने टीम के साथ फैक्ट्री को पूरी तरह से सील कर दिया। इससे पूर्व प्रबंधक तनवीर से टीम द्वारा आवश्यक सामान मंगा लिया गया था तथा अनियमितताओं के कारण फैक्ट्री के चार गेटों में क्रमश: तीन पर ताले लगा दिए। इसके बाद टीम वापस लौटने लगीं तो फैक्ट्री के बाहर मौजूद भीड ने अधिकारियों को एक और गेट होने को खबर किया, जिस पर उन्होंने चौथे गेट को पूरी तरह से तालाबंदी कर बंद कर दिया। इस दौरान कैराना तहसीलदार अभ्यराज पांडेय, सीओ भूषण वर्मा, कार्यवाहक इंचार्ज अमन सिंह आदि मौजूद थे। उधर, एसडीएम ऊन विजय प्रकाश तिवारी का कहना है कि फैक्ट्री में छापमार कार्रवाई के दौरान अनिमितताएं पाए जाने से उसे सील कर दिया गया है। उसके चारों गेटों पर ताले लगा दिए गए हैं। इस ओर शासन ने कडे निर्देश दे रखे हैं। इसी के चलते यह कार्रवाई अमल में लाई गई है।शिकायतों की विभिन्न स्तरों पर की गई जांच मीट फैक्ट्री कैराना के कांधला रोड पर घनी आबादी के बीच वर्षों से चली आ रही थी। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अलावा उच्चाधिकारियों को मामले की शिकायत की थी। बताया गया था कि फैक्ट्री परिसर में स्थापित प्रदूषित चिमनी से वायु व प्रदूषण बढता जा रहा है। फैक्ट्री में पशुओं के वध उपरांत ब्लड आदि वेस्टेजे के निस्तारण में नियमों का उल्लंघन। इसको लेकर सप्ताह दिल्ली से पशुधन विभाग की टीम ने औचक निपरीक्षण किया था। दो दिन पूर्व मुजफ्फरनगर से प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम ने फैक्ट्री का मुआयना कर वहां से पानी के नमूने लिए थे।