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विभिन्न मामलों में आधा दर्जन आरोपितों को नहीं मिली जमानत

गैर इरादतन हत्या, चोरी तथा शराब बरामदगी समेत कुल चार अलग-अलग मामले में बुधवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद न्यायधीश प्रमोद कुमार पंचम ने आधा दर्जन आरोपितों की जमानत अर्जी प्रकरण...

विभिन्न मामलों में आधा दर्जन आरोपितों को नहीं मिली जमानत
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 15 Feb 2017 07:10 PM
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गैर इरादतन हत्या, चोरी तथा शराब बरामदगी समेत कुल चार अलग-अलग मामले में बुधवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद न्यायधीश प्रमोद कुमार पंचम ने आधा दर्जन आरोपितों की जमानत अर्जी प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए नामंजूर कर दिया। न्यायाधीश ने यह आदेश बचाव पक्ष के अधिवक्ता एवं जिला शासकीय अधिवक्ता हरिद्वार राय के तर्कों को सुनने के बाद दिया।

पहला मामला गैर इरादतन हत्या से संबंधित है। मामले के आरोपी दोहरीघाट थाना क्षेत्र के हसनपुर निवासी अजय प्रकाश मौर्य व दरबारी मौर्य की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। अभियोजन के अनुसार वादी मुकदमा मूरत यादव ने पिछले वर्ष 27 नवंबर को सूचना दर्ज कराई की मुलजिमान ग्राम करौली के जमीनी विवाद को लेकर मूरत यादव तथा उसके लड़के को लाठी डंडा से मारेपीटे, जिससे मूरत यादव को गंभीर चोटें आई तथा इलाज के दौरान मूरत यादव की मृत्यु हो गई। दूसरा व तीसरा मामला चोरी से संबंधित है। मामले के आरोपी मुहम्मदाबाद गोहना थाना क्षेत्र के बरईपुर निवासी सोहराब, फिरोज व प्रदीप वर्मा की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। अभियोजन के अनुसार 19 जनवरी को रात्रि साढ़े 12 बजे पवन कम्प्यूटर की दुकान में आरोपितों द्वारा कम्प्यूटर, मोबाइल, रिचार्ज कूपन आदि चुरा ले गए।

चौथा मामला अप मिश्रित शराब बनाने तथा बरामदगी से संबंधित मामले के आरोपी कोपागंज थाना क्षेत्र के डाडी खास निवासी रामलाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। अभियोजन के अनुसार 26 जनवरी को थानाध्यक्ष कोपागंज राजेश यादव डाडी खास के पास शाही जी की भट्टे पर मिलावटी शराब 6 जरीकेन में 230 लीटर बरामद की गई। बचाव पक्ष द्वारा कहा गया कि आरोपितों को झूठा मुकदमे में फंसाया गया है। जबकि अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का घोर विरोध किया गया दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य एवं केस डायरी के अवलोकन के बाद न्यायाधीश ने आधा दर्जन आरोपितों की जमानत अर्जी अपराध की गंभीरता को देखते हुए नामंजूर कर दिया।

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