वक्ता चौकीदार होता है तो श्रोता जमींदार : मणिराम दास
मऊ में कोपागंज कस्बे के प्राचीन शिव मंदिर में चल रहे नौ दिवसीय अष्टोत्तरशत रुद्राभिषेक व संगीतमय श्री भागवत कथा के तीसरे दिन सोमवार को अयोध्या से पधारे आचार्य मणिराम दास ने कहा कि श्रोता, वक्ता से...
मऊ में कोपागंज कस्बे के प्राचीन शिव मंदिर में चल रहे नौ दिवसीय अष्टोत्तरशत रुद्राभिषेक व संगीतमय श्री भागवत कथा के तीसरे दिन सोमवार को अयोध्या से पधारे आचार्य मणिराम दास ने कहा कि श्रोता, वक्ता से बड़ा होता है। जमीन पर बैठकर कथा श्रवण करने से कोई छोटा नहीं होता। भागवत में वक्ता अपनी वाणी पवित्र करता है, तो श्रोता अपने कानों और अंत:करण को शुद्ध करता है। वक्ता चौकी पर बैठा चौकीदार होता है, तो श्रोता जमीन पर विराजमान होकर जमीदार होता है।
कोपागंज थाने के सामने प्राचीन शिव मंदिर में गौरी शंकर सेवा समिति के तत्वध्यान में विश्व कल्याण हेतु नौ दिवसीय सामूहिक रुद्राभिषेक का कार्यक्रम सुबह में व सायंकाल श्री भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। श्री भागवत कथा के पहले दिन कथा वाचक अयोध्या से आये हुए आचार्य मणिराम दास ने कहा की जो भागवत सुनता है व ऋषि होता है। श्रोता भी वक्ता को आशीर्वाद देता है।
उन्होंने भागवत कथा श्रवण के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि भागवत सुनने से क्या लाभ होता है और क्या प्राप्त होते हैं, जो अक्सर लोग पूछते हैं। भागवत सुनने से दो वस्तु प्राप्त होती है। श्रवण के बाद भागवत गोविंद की गोद में आपको बिठा देती है या फिर गोविंद को आपके गोद में बिठा देती है। गोद में आनंद की अनुभूति होती है। भागवत मिल गए तो औरों का क्या काम। भागवत तो स्वयं कृष्ण हैं। उक्त भागवत कथा व रुद्रा अभिषेक का आनंद कस्बे के आलावा दर्जनों गावों के लोग उठा रहे हंै। इस दौरान विश्वनाथ त्रिपाठी, अनूप चौधरी, सुबाष चंद गुप्ता, लालता राय, शंकर जायसवाल, केशव गुप्ता आदि लोग उपस्थित रहे।