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शराबबंदी की मुहिम में बच्चों का दिखा उत्साह, खूब लगाए नारे

चौथी क्लास की रेहना खातून अपने साथियों के साथ निकल गई हाथ में छोटी तख्ती लिए। नाम पूछने पर भी मुश्किल से बतानेवाली रेहना अपने से बड़े बच्चों के नारे लगाने पर हाथ धीरे से उठा दिया कर रही थी। पंडौल में...

शराबबंदी की मुहिम में बच्चों का दिखा उत्साह, खूब लगाए नारे
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 21 Jan 2017 10:12 PM
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चौथी क्लास की रेहना खातून अपने साथियों के साथ निकल गई हाथ में छोटी तख्ती लिए। नाम पूछने पर भी मुश्किल से बतानेवाली रेहना अपने से बड़े बच्चों के नारे लगाने पर हाथ धीरे से उठा दिया कर रही थी। पंडौल में एनएच पर चार साल की कोमल खड़ी थी। अपनी दादी के साथ। उसके बगल में काजल और पांच साल का प्रिंस भी था। सभी खड़े थे समाज से शराब को दूर करने के लिए।

सुबह 9 बजे से बच्चों का स्कूल पहुंचना शुरू हो गया। सड़क पर नजारे को देख लगा कि ईद और दशहरे का मेला एक साथ मनाया जा रहा है। मधुबनी की सड़कों पर जिधर नजरें दौड़ती बस हुजूम। महिलाओं का। बच्चों का। नारा बस एक। बिहार से शराब को दूर करना है। ये सूचना हर घर पहुंचाना है। मानो पूरे मधुबनी में एक उत्सव सा माहौल था। बिहार में मनाए जा रहे उत्सव के बीच मधुबनी का योगदान भी उत्कृष्ट था। साथ हीं प्रशासनिक तत्परता भी दिख रही थी। कई रास्तों पर पुलिस के जवान तैनात थे ताकि इस उत्सव में शामिल होनेवालों को कोई परेशानी नहीं हो। डीएम और एसपी भी पूरे उत्साह से लगे हुए थे। जगह भी चुना गया एक खास उद्देश्य से ताकि पटना से निकले इस उत्सवी संदेश का स्वागत जिले की सीमा पर किया जा सके। प्रभारी मंत्री और सचिव का उत्साह भी देखकर लगा कि ब्यूरोक्रेट और जनप्रतिनिधि हाथों में हाथ डालकर बिहार के संदेश को पूरे विश्व में फैला रहे हैं। साथ हीं दिखा महागठबंधन का साथ भी। पूरे जिले में जिस जोश के साथ जदयू के कार्यकर्ता शामिल हुए तो राजद के विधायकों का भी जोश देखते बन रहा था। बेहोश होने की छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो स्पष्ट है कि मधुबनी में मानव शृंखला का उत्सव सफल रहा।

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