सीतामढ़ी में पुरुषों की नसबंदी में रुचि नहीं
जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम अब सिर्फ महिलाओं के भरोसे चल रहा है। व्यापक प्रचार-प्रसार और लाखों रुपये व्यय करने के बाद भी जिले में इस वित्तीय वर्ष के आठ माह बीतने के बाद परिवार नियोजन की उपलब्धि...
जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम अब सिर्फ महिलाओं के भरोसे चल रहा है। व्यापक प्रचार-प्रसार और लाखों रुपये व्यय करने के बाद भी जिले में इस वित्तीय वर्ष के आठ माह बीतने के बाद परिवार नियोजन की उपलब्धि साढ़े 12 प्रतिशत पर सिमट कर रह गई है। विदित हो कि राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में 11900 स्त्री-पुरुषों का बंध्याकर व नसबंदी करने का लक्ष्य निर्धारित है।
पुरुषों में नसबंदी को ले रूचि नहीं
इसके विरुद्ध 1501 महिलाओं का बंध्याकरण व मात्र 17 पुरुषों की नसबंदी की गई है। इसमें सबसे खराब प्रदर्शन चोरौत और परिहार पीएचसी का रहा है। जिसने क्रमश: 273 के विरुद्ध 15 तथा 1176 के विरुद्ध 61 बंध्याकरण कर महज पांच प्रतिशत की उपलब्धि प्राप्त कर सका है। सुप्पी पीएचसी में 425 के विरुद्ध 12 बंध्याकरण के साथ साढ़े सात प्रतिशत तथा बैरगनिया 460 के विरुद्ध 39 बंध्याकरण तथा सुरसंड 730 के विरुद्ध 59 बंध्याकरण कर रहा गया है। जबकि, नानपुर पांच पुरुष नसबंदी के साथ 42 बंध्याकरण के साथ सात प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर सका है।
सीएस डॉ. विन्देश्वर शर्मा का कहना है औसत उपलब्धि से कम करने वाले प्रखंडों के कर्मियों से शोकॉज किया गया है। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।