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स्टेशन मास्टर की कार्यालय की टूटी छत, गिर रहा प्लास्टर

सालों से नहीं हुआ स्टेशन मास्टर कार्यालय में मरम्मत कार्यछत से गिर रहा है प्लास्टर बरसात में टपकता है पानी चारबाग रेलवे स्टेशन पर स्थित स्टेशन मास्टर कार्यालय की छत दिन पर दिन जर्जर होती जा रही है।...

स्टेशन मास्टर की कार्यालय की टूटी छत, गिर रहा प्लास्टर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 29 Apr 2017 08:55 PM
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सालों से नहीं हुआ स्टेशन मास्टर कार्यालय में मरम्मत कार्य

छत से गिर रहा है प्लास्टर बरसात में टपकता है पानी

चारबाग रेलवे स्टेशन पर स्थित स्टेशन मास्टर कार्यालय की छत दिन पर दिन जर्जर होती जा रही है। छत से गिरने वाले प्लास्टर की वजह से कमरा में रखा प्रिंटर कई बार खराब हो चुका है। इसकी वजह से लोको पायलट को दिए जाने वाले कॉशन निकलने में मुश्किल होती है। पूर्व डीआरएम एके लाहोटी ने छत की मरम्मत कार्य का बजट पास कर दिया था। इसके बाद अब तक मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हो सका है। इसकी वजह से स्टेशन मास्टरों को काम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

चारबाग रेलवे स्टेशन पर वरिष्ठ स्टेशन अधीक्षक कार्यालय के सामने ही स्टेशन मास्टरों का कमरा है। यहां से लखनऊ आने व जाने वाली ट्रेनों को कॉशन यानि उनको कहां पर कितनी रफ्तार से ट्रेन चलाना है, ये प्रिंट आउट निकाल कर दिया जाता है। काफी सालों से कार्यालय की छत का प्लास्टर धीरे धीरे करके गिर रहा है। इसके अलावा बरसात के मौसम में पूरी छत से पानी टपकता है। इससे कमरे में बैठना मुश्किल हो जाता है। साथ कमरे में रखे इलेक्ट्रिनक उपकरणों के खराब होने का खतरा भी बना रहता है। तत्कालीन डीआरएम एके लाहोटी ने पूरी छत की मरम्मत का बजट पास किया था। इसके अलावा डारमेट्री में नए शौचालय बनाए जाने और डारमेट्री के हर बेड पर चार्जिंग प्वाइंट लगाए जाने का बजट भी पास किया था। मगर अभी तक ये कार्य शुरू नहीं हो पाया है।

बरसात में होगी दिक्कत

चारबाग रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग सौ साल से अधिक पुरानी है। यहां पर बरसात के मौसम में वरिष्ठ स्टेशन अधीक्षक कार्यालय की लॉबी, स्टेशन मास्टर के कमरों में पानी भर जाता है। साथ ही कई जगहों से छत भी बुरी तरह से टपकती है। स्टेशन मास्टरों की शिकायत के बाद पूर्व डीआरएम ने मरम्मत कार्य कराए जाने की संस्तुति तो कर दी लेकिन काम नहीं शुरू हो सका। ऐसे में अगर अभी मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ तो बरसात में ये परेशानी फिर से होगी।

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