जरूरतमंदों को आसानी से मिल सकेगा खून
लखनऊ। कार्यालय संवाददातास्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि खून की उपलब्धता व पारदर्शिता की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के तहत ई-रक्तकोष योजना ने...
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता
स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि खून की उपलब्धता व पारदर्शिता की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के तहत ई-रक्तकोष योजना ने जरूरत पूरी की है। इससे खून के लिए तीमारदारों को दौड़ भाग से निजात मिलेगी। गुणवत्तायुक्त खून भी उपलब्ध होगा।
वे शुक्रवार को लोहिया अस्पताल में ई-रक्तकोष के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा मिलना चाहिए। ताकि जरूरतमंद को आसानी से खून उपलब्ध कराया जा सके। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. वीके शर्मा ने कहा कि ई-रक्तकोष के लिए ऑनलाइन सॉफ्टवेर बनाया गया है। कोई भी व्यक्ति eraktkosh.in लॉग इन कर सकते हैं। इसे ब्लड बैंक से जुड़ी जानकारी हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि एक क्लिक से घर बैठे ब्लड बैंक से जुड़ी सारी जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि ब्लड बैंक में 800 से 1000 यूनिट खून एकत्र रहता है। रोजाना 100 से ज्यादा यूनिट खून व दूसरे कम्पोनेंट (अव्ययव) की सप्लाई हो रही है। उन्होंने बताया कि अभी दुघर्टना व ऑपरेशन वाले मरीजों की जान बचाने के लिए तीमारदारों को कई ब्लड बैंकों में भटकना पड़ रहा है। मरीज के लिए समय पर खून मुहैया कराने में ई-रक्तकोष की भूमिका अहम साबित होगी। प्रोफेशनल डोनर (पीडी) पर शिकंजा कसने में ई-रक्तकोष की अहम भूमिका होगी। इसमें किस व्यक्ति ने कितनी बार खून दिया। उसका ब्यौरा दर्ज होगा। जैसे ही व्यक्ति तय समय से पहले रक्तदान करने आएगा उसे आसानी से पकड़ा जा सकेगा।
खून की बर्बादी थमेगी
कई बार किसी खास ग्रुप का खून अधिक मात्रा में एकत्र हो जाता है। उसे लेने वाले कम लोग आते हैं। 35 से 42 दिन बाद खून बर्बाद हो जाता है। ई-रक्तकोष से ब्लड बैंक आपस में जोड़े जाएंगे। डॉ. वीके शर्मा ने बताया कि जिस ब्लड बैंक में मांग के मुताबिक खून की उपलब्धता नहीं होगी, वहां अतिरिक्त खून भेजने में मदद मिलेगी।