जिंदगी का सार निस्वार्थ सेवा : प्रो. सतसंगी
-राधास्वामी संत मत इस वर्ष अपने प्रवर्तक स्वामी जी महाराज की मना रहा है 200वीं...
-राधास्वामी सतसंग दयालबाग आगरा के गुरू (प्रमुख) प्रो. पीएस सतसंगी पहुंचे लखनऊ
-राधास्वामी संत मत इस वर्ष अपने प्रवर्तक स्वामी जी महाराज की मना रहा है 200वीं जयंती
लखनऊ। कर्म के जरिये अध्यात्म प्राप्ति के उद्देश्य को लेकर काम कर रहा राधास्वामी संत मत इस वर्ष अपने प्रवर्तक स्वामी जी महाराज की 200वीं जयंती मना रहा है। इस मौके पर अगस्त माह में सतसंग के आगरा स्थित मुख्यालय दयालबाग में विशेष आयोजन की तैयारी हो रही है। इसको लेकर राधास्वामी सतसंग, दयालबाग आगरा के प्रमुख (गुरु) प्रो. पीएस सतसंगी सोमवार को आध्यात्मिक दौरे पर लखनऊ पहुंचे।
संस्था के अध्यात्मिक प्रमुख ने धर्म और विज्ञान को एक-दूसरे की कसौटी पर कसने का काम किया है। इस विषय में उनके द्वारा लिखित जर्नल को 'साइंस एंड कांसिशनेस' और टूवर्डस साइंस एंड कांसिशनेस' फोरम पर सर्वाधिक पसंद किया गया। इस मौके पर प्रो. सतसंगी ने पत्रकारों की ओर से पूछे गये सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राधास्वामी सतसंग का उद्देश्य प्राणी मात्र की सेवा और जीव मात्र का कल्याण है। यही वजह है कि सतसंग कर्म के जरिए अध्यात्म प्राप्ति का रास्ता दिखाता व सिखाता है। हम चाहते हैं कि प्राणी मात्र दुनिया में बेहतरीन जिंदगी बसर करे, जिसे निस्वार्थ सेवा भावना से हासिल किया जा सकता है। इसके अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं । यही वजह है कि हमारे यहां अर्थ के दान की जगह कर्म, सेवा के दान की महत्ता है, उसी की ही मान्यता है।