विभागीय संविदा प्रणाली लागू करने की मांग
पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन की लापरवाही के कारण आये दिन विद्युत दुर्घटनाओं में बिजली संविदा कर्मचारियों की मौत हो रही है। इसके अलावा उन्हें न समय पर वेतन दिया जाता है और न सुरक्षा उपकरण। यह बात उत्तर...
पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन की लापरवाही के कारण आये दिन विद्युत दुर्घटनाओं में बिजली संविदा कर्मचारियों की मौत हो रही है। इसके अलावा उन्हें न समय पर वेतन दिया जाता है और न सुरक्षा उपकरण। यह बात उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल मिश्रा ने कही। वह शुक्रवार को कैसरबाग स्थित गांधी भवन में संघ के वार्षिक अधिवेशन को संबोधित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संगठन व पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन के बीच अक्टूबर 2012 में समझौता हुआ था। इसमें तीन महीने में ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर विभागीय संविदा प्रणाली लागू करने मांग थी। इसके अलावा 18 फरवरी 2009 के पश्चात 19 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को देय तृतीय समयबद्ध वेतनमान को छठे वेतनमान में एसीपी की व्यवस्था के अंतर्गत ग्रेड-वेतन 4200 किया जाये। इससे छठे वेतनमान में उत्पन्न हुई वेतन विसंगतियां समाप्त हो सके।
संगठन के महामंत्री देवेन्द्र पांडेय ने हरदुआगंज पावर हाउस से निकाले गये 126 संविदा कर्मचारियों को सेवा में लेने की मांगी की। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को प्रथम नियुक्ति पर अनुमन्य वेतनमान 3050-4590 को समाप्त कर 3200-4900 किया जाये। विद्युत दुर्घटना में मृत संविदा कर्मियों के एक आश्रित को विभागीय सेवा में लिया जाये तथा 10 लाख की धनराशि दुर्घटना हित लाभ में मृतक आश्रित के परिवार को दी जाये। मीटर रीडर एवं कार्यशालाओं में कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन के हिसाब से चेक के माध्यम से वेतन, श्रम विभाग में पंजीकरण, बीमा एवं ईपीएफ कटौती का पैसा इनके खाते में जमा कराया जाये।