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दिव्यांगों के लिए बनाई जाए स्पोर्ट्स एकेडमी- दीपा मलिक

देश के छोटे-बड़े शहरों में स्पोर्ट्स एकेडमी बनाई जाए। जिसमें दिव्यांगों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। यह बातें पैरालंपिक में रजत पदक विजेता पहली महिला खिलाड़ी दीपा मलिक ने प्रेसवार्ता में कहीं।...

दिव्यांगों के लिए बनाई जाए स्पोर्ट्स एकेडमी- दीपा मलिक
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 05 Nov 2016 09:55 PM
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देश के छोटे-बड़े शहरों में स्पोर्ट्स एकेडमी बनाई जाए। जिसमें दिव्यांगों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। यह बातें पैरालंपिक में रजत पदक विजेता पहली महिला खिलाड़ी दीपा मलिक ने प्रेसवार्ता में कहीं। वह शनिवार को इंटीग्रल स्टेडियम में होने वाली व्हील चेयर क्रिकेट प्रतियोगिता में शामिल होने आई हैं। उन्होंने कहा कि वह व्हीलचेयर पर ही बालिंग और बैटिंग करेंगी।

दीपा मलिक ने कहा कि दिव्यांगों में भी कुछ अलग करने का जज्बा है। इसके लिए उन्हें बस एक सहारे की जरूरत है। वह प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर स्पोर्ट्स एकेडमी के खुलवाने के लिए मदद मांगेंगी, जिसमें देश की उभरती हुई प्रतिभाओं को विशेष ट्रेनर और जिम की सुविधा मिल सके। जहां दिव्यांग विशेष ट्रेनिंग ले सकें। उन्होंने कहा कि अच्छे ट्रेनर न होने के कारण उन्हें पैरा ओलंपिक में पदक जीतने में 10 साल लग गए।

दीपा ने कहा कि बच्चों को खेलने का मौका मिलना चाहिए। खेल में भी भविष्य है। खेल ने मुझे बहुत कुछ दिया है। खेल से जुड़ने के बाद मेरी जिंदगी बदल गई। खेल शब्द जब जीवन से जुड़ता है तो खुद को शारीरिक रूप से फिट होने का अहसास कराता है। उन्हें पद्मश्री और खेल रत्न के लिए चुना गया है।

ट्यूमर की वजह से दीपा के हुए थे 31 ऑपरेशन

दीपा के कमर से नीचे का हिस्सा लकवा से ग्रस्त है। 1999 में रीढ़ में ट्यूमर के कारण उनका चलना असंभव हो गया था। दीपा के 31 ऑपरेशन किए जिसके लिए उनकी कमर के नीचे दो सौ टांके लगे। वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में तैराकी में पदक ,भाला फेंक में एशियाई रिकॉर्ड है। जबकि गोला फेंक और चक्का फेंक में उन्होंने 2011 में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीते थे।

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