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सप्ताह में दो दिन सरकारी स्कूल के बच्चों को मिलेगा फल

कोई पेन चार इंच का तो कोई आठ इंच का। किसी में लाइट जाती है तो कोई देश दुनिया का समय बताता है। पेन में ही बुक मार्कर लगा है। कुछ ऐसे ही अनूठे पेन का संग्रह किया है लैरेटो में कक्षा दो की छात्रा कृति...

सप्ताह में दो दिन सरकारी स्कूल के बच्चों को मिलेगा फल
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 05 Oct 2016 07:20 PM
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कोई पेन चार इंच का तो कोई आठ इंच का। किसी में लाइट जाती है तो कोई देश दुनिया का समय बताता है। पेन में ही बुक मार्कर लगा है। कुछ ऐसे ही अनूठे पेन का संग्रह किया है लैरेटो में कक्षा दो की छात्रा कृति शंखधर ने। देश-दुनिया के करीब एक हजार से ज्यादा पेन जुटाए हैं कि मासूम कृति ने।

डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉ. एलके शंखधर की पोती कृति ने करीब 1000 हजार पेन एकत्र किए हैं। पिता डॉ. क्षितिज शंखधर ने बताया कि बेटी को पेन इकट्ठा करने का शौक दो साल की उम्र से है। देश-विदेश में कॉन्फ्रेंस के दौरान मिलने वाले कलम को उसने बेहद करीने से जुटाए। मां डॉ. स्मिता शंखधर ने बताया कि बेटी को शौक को आगे बढ़ाने का मकसद है। उसकी लगन को देखते हुए दफ्ती की पेटी दे दी है। जिसमें वो सभी पेन को इकट्ठा कर रही हैं। अब दफ्ती का बोर्ड बनाकर उसमें पेन टांग दिए गए हैं।

पापा के बैग से चुपके से निकल लेती थी पेन

कृति के मुताबिक जब पापा विदेश से कॉन्फ्रेंस कर लौटते थे तो सबसे पहले बैग में रखे पेन को निकाल लेती थी। इसको लेकर कई बार डांट भी पड़ी। पर, अब सभी लोग मेरे शौक को पहचान चुके हैं। लिहाजा अब कोई ऐतराज नहीं करता। घरवालों के सहयोग से ढेर सारे पेन जुटा लिए हैं।

इन देशों के हैं पेन

अमेरिका, रूस, कैनाड़ा, इंग्लैंड, ऑयरलैंड, फ्रांस, जर्मनी, तुर्की, दुबई, ऑस्ट्रेलिया, निदरलैंड, इटली, सिंगापुर व मलेशिया आदि देश शामिल हैं।

पेन की खासियत

चार इंच का सबसे छोटा पेन है।

आठ इंच का सबसे बड़ा पेन है।

एक पेन में ऐसी टार्च लगी है जो सिर्फ लिखने पर जलती है। अंधेरे में भी लिखना आसान है।

आले की तरह पेन को गले में टांगा जा सकता है।

लकड़ी के पेन पर नक्कासी बनी है।

पेन में लगा बॉटल ओपनर।

एक पेन का अधिकांश हिस्सा स्प्रिंग से तैयार है।

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