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अयोध्या के विवादित ढांचा को ढ़हाए जाने का मामला

सभी आरोपियों की उपस्थिति रहेगी अनिवार्यआज एकमात्र आरोपी डा.सतीश प्रधान ही हुए हाजिरलखनऊ। विधि संवाददाताअयोध्या के विवादित ढांचा को ढ़हाए जाने के आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या...

अयोध्या के विवादित ढांचा को ढ़हाए जाने का मामला
Thu, 25 May 2017 07:11 PM
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सभी आरोपियों की उपस्थिति रहेगी अनिवार्यआज एकमात्र आरोपी डा.सतीश प्रधान ही हुए हाजिरलखनऊ। विधि संवाददाताअयोध्या के विवादित ढांचा को ढ़हाए जाने के आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) ने महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्मदास व डा. सतीश प्रधान पर आरोप तय करने के लिए अब 30 मई की तारीख तय की है। विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव ने आदेश दिया है कि उस रोज यह सभी मुल्लिम व्यक्तिगत रुप से अदालत में उपस्थित रहेंगे। उस दिन किसी भी मुल्जिम की हाजिरी माफी मंजूर नहीं की जाएगी। बीते बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) ने इन मुल्जिमों पर आरोप तय करने के लिए 25 मई की तारीख तय की थी। जबकि एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा व विष्णु हरि डालमिया पर आरोप तय करने के लिए 26 मई की तारीख तय कर रखी थी। गुरुवार को विशेष अदालत के समक्ष सिर्फ डा. सतीश प्रधान उपस्थित हुए। जबकि अन्य पांच मुल्जिमों की तरफ से उनके वकील ने हाजिरी माफी की अर्जी दी। यह कहते हुए कि अस्वस्थ हैं व कुछ अन्य कार्य में व्यस्त हैं। लिहाजा आज की कार्यवाही स्थगित कर आरोप तय करने के लिए कोई दूसरी तारीख तय की जाए। इधर, डा. सतीश प्रधान की तरफ से कहा गया कि वह बीमार हैं। चलने-फिरने मे असमर्थ हैं। किसी को हाजिरी माफी नहीं मिलेगीसीबीआई के वकील आरके यादव के मुताबिक अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि गुरुवार को सभी मुल्जिमों के उपस्थित नहीं रहने के कारण आरोप विरचित किया जाना संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में आरोप विरचन हेतु दूसरी तारीख देना उचित एवं न्यायसंगत होगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार चार हफ्ते में मुल्जिमों पर आरोप विरचित कर देना है। लिहाजा 30 मई की तारीख आरोप विरचन के लिए नियत की जाती है। उस रोज सभी मुल्जिम व्यक्तिगत रुप से उपस्थित रहेंगे। किसी भी मुल्जिम की हाजिरी माफी मंजूर नहीं की जाएगी। छह दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा ढहाये जाने के मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई थीं। एक एफआईआर फैजाबाद के थाना राम जन्मभूमि में एसओ प्रियवंदा नाथ शुक्ला जबकि दूसरी एफआईआर गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज करायी थी।

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